Saturday, January 16, 2010

महिलाएं और वास्तु

महिलाओं की परेशानिया-बीमारियां और वास्तु

घरेलू महिलाएं किसी ना किसी बीमारी या परेशानी से दुखी रहती हैं... किसी का शरीर रोगी हो जाता है, तो कोई गृह क्लेश से परेशान है... किसी के बच्चे उनके कहने से बाहर या फिर बीमार रहने लगते हैं तो किसी के घर में धन की कमी रहती है.... लेकिन ज्यादातर महिलाएं ये नहीं जानती कि उनकी बीमारी या फिर परेशानी का उनके घर के वास्तु से कितना गहरा रिश्ता है... आज हम आपको बताएंगे कि वास्तु के हिसाब से अपने घर की चीजों को हो व्यवस्थित करके आप किस तरह से बिना ज्यादा कुछ खर्च किए घर में सुख शांति और समृद्धि ला सकते हैं....
दर्शकों, घर की स्वामिनी गृहणि होती है.. उसी को सारा दिन घर पर रहना होता है.. इसलिए घर की हर वस्तु का असर भी उसी पर ज्यादा पडता है... और खास तौर पर हमारे महानगरों में बनने वाले ज्यादातर मकान वास्तु के हिसाब से सही नही बनते... कहीं फ्लोर के हिसाब से अपार्टमेंट बिकते हैं तो कहीं बहुमंजिला मकानों में वास्तु के हिसाब से अनदेखी की जाती है... और इस ज्यादातर अनदेखी का असर सबसे ज्यादा उस घर में रहने वाल गृहणियों पर ही पडता है... आज के परिपेक्ष्य में ज्यादातर महिलाओं को हेल्थ प्रोब्लम्स रहती हैं... वास्तु दोष उस घर में रहने वालों को बीमारी और मानसिक क्लेश दोनो ही देता है... इसका कारण ये कि वास्तु दोष होने से आपके घर में पॉजिटिव और नेगेटिव उर्जा के बीच में असंतुलन हो जाता है... दर्शकों अब हम आपको इसके कुछ उपाय भी बताते हैं जिससे महिलाओं का घर में जीवन सुखमय और निरोग हो सकेगा....
• जिस घर में आगे का हिस्सा टूटा फूटा हो, या फिर दीवारों का प्लास्टर उखडा हुआ हो, उस घर में महिलाओं का मन हमेशा अशांत रहता है...और साथ ही स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है...
• जिस घर के दरवाजे टूटे फूटे हों, खुलते बंद होते समय आवाज करते हों, फर्श खंडित हो, ऐसे घर में रहने वाली महिलाओं में पागल होने की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ जाती हैं...
• जिस घर में रसोई घर में बीम हो, और खाना बनाने वाली महिला उसके नीचे खडे होकर खाना बनाए.... या फिर खाना बनाने वाली महिला के पीछे खुला हुआ दरवाजा हो तो उसकी कमर और सिर में दर्द की शिकायत बढ जाती है...
• जिस घर में ऐसी वस्तुएं जिनका इस्तेमाल ज्यादा नहीं होता हो.... झाडू या सफाई करने के औजार पलंगों के नीचे रखे जाते हों, ऐसे में घर की महिलाओं को हमेशा अपमानित होना पडता है...
• जिस घर के उत्तर पूर्व में निर्माण ज्यादा हो और घर का दक्षिण पश्चिम खुला हो तो ऐसे घर में रहने वाली महिलाओं को लंबी बीमारियों का सामना करना पडता है....
• यदि घर का नैत्ततिय कोण नीचा हो, वहां कोई कुंआ हो या पानी का भूमिगत स्त्रोत हो, तो उस घर मे रहने वाली महिला की आयु कम होगी और स्वास्थ्य भी खराब रहेगा... बहुत सारा धन डाक्टरों को देना पडेगा..
• जिस घर का उत्तर और ईशान भाग उंचा हो और बाकि सभी कोष पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, पश्चिम, नैत्रृत्य सभी भाग नीचे हों तो घर की मालकिन को लाईलाज बीमारी हो सकती है... और घन का हमेशा ही अभाव बना रहता है...
• जिस घर में दक्षिण की तरफ मुख्य द्वार हो और द्वार के सामने कोई दीवार या खंबा हो या फिर कांटेदार पेड हो.... और नैत्रृत्य में ही भूमिगत पानी की टंकी हो या फिर यह हिस्सा बहुत ही नीचा हो तो इस घर में रहने वाली महिलाएं आत्महत्या तक कर सकती हैं....
• दक्षिण का द्वार होने के साथ साथ उसी दिशा में खुला बरामदा या बाल्कनी हो... जिसकी ढलान ज्यादा हो तो उस घर की महिलाओं को लाईलाज बीमारी होती है और उस घर के बच्चे गलत रास्तों पर चलकर अपना भविष्य खराब कर लेते हैं...
• जिन घरों में रोशनी का अभाव हो, पूर्व दिशा में बिल्कुल ब्लॉक हो, या फिर सीढियां उत्तर या पश्चिम की तरफ से खंडित विषम संख्या में तो ऐसे घर में रहने वाली महिलाओं में आपसी तनाव रहता है....

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