नई दिल्ली, योगराज शर्मा।
कोरोना वायरस के खतरे के बीच इस बार त्योहारों का रंग कुछ फीका-सा कर दिया। जहां लोगों ने होली भी काफी सर्तकता के बीच मनाई, वहीं ऐसे भी लोग थे जिन्होंने होली नहीं मनाने में ही अपनी भलाई समझी।बहरहाल, कोरोना की वजह से देश के कई हिस्से 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिए गए हैं। ऐसे में नवरात्रि पूजन करना किसी चुनौती से कम नहीं है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र 25 मार्च 2020 से लेकर 2 अप्रैल 2020 तक रहेंगे।जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा अलग-अलग दिन होती है।ऐसे में आपको पूजन की तैयारियां कर लेनी चाहिए-
आपको चाहिए ये सामान
- मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति/माता स्थापना के लिए लकड़ी की चौकी
- सवा मीटर लाल या पीला कपड़ा/लाल चुनरी या साड़ी/कलश/आम के पत्ते /फूल माला और लाल फूल /एक जटा वाला नारियल/पान के पत्ते/सुपारी/इलायची/लौंग/कपूर/रोली, सिंदूर/मौली/चावल/ दुर्गा सप्तशती की पुस्तक
- मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति/माता स्थापना के लिए लकड़ी की चौकी
- सवा मीटर लाल या पीला कपड़ा/लाल चुनरी या साड़ी/कलश/आम के पत्ते /फूल माला और लाल फूल /एक जटा वाला नारियल/पान के पत्ते/सुपारी/इलायची/लौंग/कपूर/रोली, सिंदूर/मौली/चावल/ दुर्गा सप्तशती की पुस्तक
पूजन विधि से पहले इन बातों का ध्यान
- यदि देवी की मूर्ति धातु या चांदी की बनी है तो उसे पीताम्बरी से साफ करें।
- घर के मंदिर में साफ सफाई एक दिन पहले ही करके मंदिर में देवी देवताओं के वस्त्र और बिछाने के लिए वस्त्रादि बदल दें।
- यदि देवी की मूर्ति धातु या चांदी की बनी है तो उसे पीताम्बरी से साफ करें।
- घर के मंदिर में साफ सफाई एक दिन पहले ही करके मंदिर में देवी देवताओं के वस्त्र और बिछाने के लिए वस्त्रादि बदल दें।
- मंदिर की सारी सफाई करने के बाद सुबह पूजा की तैयारी करने का इंतजार न करें रात में नहाकर पूजा की सारी साम्रगी मंदिर के पास या पूजा घर में इकट्ठा करके रख दें।
ऐसे करें पूजा
माता की तस्वीर या मूर्ति में शेर शांत मुद्रा में हो।
नवरात्रि में मातारानी को दूर्वा अर्पण न करें।
घर मे अखंड ज्योत जलाने के बाद घर खाली न छोड़ें।
देवी मां की तस्वीर के बायीं ओर दीपक रखें।
मूर्ति या तस्वीर के दायीं ओर जौ बोयें।
लाल या पीले आसन पर बैठकर ही पूजा करें।
माता की तस्वीर या मूर्ति में शेर शांत मुद्रा में हो।
नवरात्रि में मातारानी को दूर्वा अर्पण न करें।
घर मे अखंड ज्योत जलाने के बाद घर खाली न छोड़ें।
देवी मां की तस्वीर के बायीं ओर दीपक रखें।
मूर्ति या तस्वीर के दायीं ओर जौ बोयें।
लाल या पीले आसन पर बैठकर ही पूजा करें।
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