नई दिल्ली। पाकिस्तान में अपने ही लोगों की संस्कृति, मूल्यों और विरासत का ऐसा विनाश हो रहा है जैसा इतिहास में कभी देखा या सुना नहीं गया है। पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान युद्ध का मैदान बना हुआ है जहां बलूचों का बेरहमी से दमन हो रहा है और वहां के प्राकृतिक संसाधनों को विदेशी ताकतें अपनी फौज के साथ लूटने में लगीं हैं।
पाकिस्तान के अंदरूनी हालात के जानकार एवं रणनीतिक विश्लेषक पी अशोक ने चेताया कि बलूचिस्तान के हालात ठीक वैसे ही हो गए हैं, जो 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में हो गए थे, जिससे वहां बगावत हुई और बांग्लादेश बना था।
अशोक ने विमान दुर्घटनाओं के बारे में किताब ‘आउटलायर्स दि स्टोरी ऑफ सक्सेस’ लिखने वाले मैल्कम ग्लैडवेल को उद्धृत किया, जिन्होंने कहा था कि दुर्घटनाएं किसी एक विनाशकारी घटना का परिणाम नहीं होती है बल्कि छोटी-छोटी समस्याओं के जुड़ने से बड़ी समस्या तैयार होती है। यही बांग्लादेश के बनने में हुआ था और यही बलूचिस्तान में हो रहा है।
अशोक ने विमान दुर्घटनाओं के बारे में किताब ‘आउटलायर्स दि स्टोरी ऑफ सक्सेस’ लिखने वाले मैल्कम ग्लैडवेल को उद्धृत किया, जिन्होंने कहा था कि दुर्घटनाएं किसी एक विनाशकारी घटना का परिणाम नहीं होती है बल्कि छोटी-छोटी समस्याओं के जुड़ने से बड़ी समस्या तैयार होती है। यही बांग्लादेश के बनने में हुआ था और यही बलूचिस्तान में हो रहा है।
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