Wednesday, April 8, 2020

कोरोना से लड़ाई में 'गेमचेंजर' है ये दवा, 30 दिन में 20 करोड़ टैबलेट्स बनाने का दम रखता है भारत

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन


सांकेतिक तस्‍वीर।

नई दिल्‍ली कोरोना वायरस से लड़ रही पूरी दुनिया को हयड्रोक्सीक्लोरोक्विने नाम की एक दवा में उम्‍मीद की किरण दिखी है। मलेरिया के खिलाफ इस्‍तेमाल होने वाली इस दवा को COVID-19 के खिलाफ 'गेमचेंजर' का दर्जा दिया जा रहा है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप इस दवा की सप्‍लाई चाहते हैं, किसी भी तरीके से। इसके लिए वह किसी देश को पुचकार रहे हैं, किसी को आंखें तरेर रहे हैं। उन्‍होंने भारत से हयड्रोक्सीक्लोरोक्विने सप्‍लाई करने को कहा है। भारत ने ट्रंप की डिमांड को देखते हुए इस दवा के निर्यात पर लगा बैन हटा दिया है। हयड्रोक्सीक्लोरोक्विने के लिए दुनिया भारत के आगे हाथ फैलाए खड़ी है क्‍योंकि इसकी पूरी सप्‍लाई का 70 फीसदी हमारे ही देश में बनता है।
इंडियन फार्मास्‍यूटिकल अलायंस (IPA) के महासचिव सुदर्शन जैन के अनुसार, दुनिया को हयड्रोक्सीक्लोरोक्विने की 70 फीसदी सप्‍लाई भारत करता है। देश के पास इस दवा को बनाने की कैपासिटी इतनी है कि वह 30 दिन में 40 टन हयड्रोक्सीक्लोरोक्विने प्रोड्यूस कर सकता है। यानी इससे 20 मिलीग्राम की 20 करोड़ टैबलेट्स बनाई जा सकती हैं। चूंकि यह दवा ह्यूमेटॉयड ऑर्थराइटिस और लूपुस जैसी बीमारियों के लिए भी इस्‍तेमाल होती है, इसका प्रोडक्‍शन अभी और भी बढ़ाया जा सकता है। भारत में इस दवा को बनाने वाली कंपनीज में Ipca Laboratories, Zydus Cadila औार Wallace Pharmaceuticals का नाम शामिल है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने हाल ही में Ipca और Zydus Cadila को हयड्रोक्सीक्लोरोक्विने की 10 करोड़ टैबलेट्स बनाने का ऑर्डर दिया है।

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