आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन
कोरोना वायरस का पहला प्लाज्मा परीक्षण देश में सफल रहा है। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज पर प्लाज्मा तकनीकी का इस्तेमाल किया गया था। सोमवार को वेंटिलेटर से हटाने के बाद भी उसकी स्थिति बेहतर है। अस्पताल ने हाल में प्लाज्मा तकनीक का ट्रायल शुरू किया था। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके लोगों का प्लाज्मा संक्रमित व्यक्ति पर चढ़ाया जाता है।
वहीं, कोरोना मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज डालने के लिए 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाते हैं। मैक्स अस्पताल के निदेशक डॉ. संदीप बुद्धिराजा ने बताया, इलाज में प्लाज्मा तकनीक कारगर साबित हो चुकी है। जिसने रक्त दिया वह मरीज तीन सप्ताह पहले ही ठीक हो चुका है। ब्यूरो
चिंता की बात : 80 फीसदी मामलों में नहीं दिख रहे लक्षण
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया, देश में करीब 80% मरीजों में लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। जरूरी नहीं कि संक्रमण आज हुआ है, तो लक्षण सात दिन में मिले ही। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने कहा था, आंकड़ों को देखें तो बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या अधिक नहीं है।
यूपी में भी 75 फीसदी मरीजों में कोई लक्षण नहीं
यूपी में भी मिले मरीजों में से 75 फीसदी में कोई लक्षण नहीं था। प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया, ऐसे मरीजों की बढ़ती संख्या को देख 10 हजार लेवल-1 आइसोलशन बेड बढ़ाए जा रहे हैं।
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