आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :
रजत पंडित, नई दिल्ली:
कोरोना काल में सेना एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रही है। सीमा पर ने जहां चीन और पाकिस्तान ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं वहीं देश के भीतर कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सेना दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ ही वह कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की भी पूरी मदद कर रही है। लेकिन कोरोना ने सेना के लिए एक अजीब उलझन पैदा कर दी है। वह है मास्क को लेकर। मास्क के बारे में सेना ने कोई ऑर्डर जारी नहीं किया है जिससे फौजी अलग-अलग रंग और डिजाइन वाले मास्क पहन रहे हैं जो उनकी वर्दी से मेल नहीं खाते हैं।
सवाल यह है कि क्या सेना को अपने जवानों और अधिकारियों को साफ-साफ यह ऑर्डर जारी कर देना चाहिए कि उन्हें अपनी वर्दी के हिसाब से मास्क पहनना चाहिए? कुछ पुलिस अधिकारी ऐसे मास्क पहन रहे हैं जिनमें उसके रैंक के हिसाब से स्टार लगे हैं। हाल में एक राज्य के पुलिस महानिदेशक तीन स्टार वाला मास्क पहने दिखे। इस पर काफी होहल्ला हुआ था। शुक्र है कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक ऐसा नहीं किया है।
सदर्न नेवल कमांड ने जारी किया ऑर्डर
कोच्चि स्थित सदर्न नेवल कमांड ने अपने कर्मचारियों को अपनी वर्दी के हिसाब से कलर मास्क पहनने का निर्देश दिया है। उन्हें सफेद वर्दी के साथ सफेद मास्क और सेरेमोनियल यूनिफॉर्म के साथ नेवी ब्लू या ब्लैक मास्क पहनने को कहा गया है। डिफेंस सिक्योरिटी कोर और फायर सर्विसेज के जवानों को खाकी वर्दी के हिसाब से खाकी मास्क पहनना होगा। इतना ही नहीं मास्क नहीं लगाने वाले जवानों और अधिकारियों पर केरल सरकार के निर्देशों के मुताबिक जुर्माना लगेगा। अगर कोई जवान पहली बार बिना मास्क के पाया गया तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा और बार-बार गलती करने पर जुर्माने की राशि 2,000 रुपये हो जाएगी।
सेना के एक सूत्र ने कहा, ‘अधिकारी और जवान अलग-अलग रंग और डिजाइन वाले मास्क पहन रहे थे। इसलिए यह जरूरत महसूस हुई कि उन्हें वर्दी के रंग से मिलते जुलते मास्क पहनने चाहिए। साथ ही उन्हें गर्मी के इस मौसम में नायलॉन या सिंथेटिक के बजाय कॉटन के आरामदायक मास्क पहनने चाहिए।’ लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह आदेश केवल सदर्न नेवल कमांड के लिए है और पूरे देश में नेवी के लिए नहीं है।
प्रॉपर ड्रेस कोड बनाए रखने पर जोर
भले ही सेना ने मास्क के बारे में साफ-साफ आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन प्रॉपर ड्रेस कोड बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। उदाहरण के लिए नई दिल्ली में एयर हैडक्वार्टर में एयरफोरर्स के कई अधिकारी अपनी यूनिफॉर्म के हिसाब से ब्लू मास्क पहन रहे हैं। वेस्टर्न एयर कमांड का मुख्यालय भी दिल्ली में ही है। इसमें जवानों और अधिकारियों ब्लू बॉर्डर वाले सफेद मास्क पहने देखा जा सकता है। आर्मी के अधिकारी अक्सर सफेद या काला मास्क पहन रहे हैं जबकि कुछ कैमोफ्लाज मास्क भी पहन रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक इस बारे साफ-साफ कोई आदेश जारी नहीं किया गया है क्योंकि मास्क फौज की परंपरागत वर्दी का हिस्सा नहीं है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि लंबे समय तक मास्क पहनना पड़ सकता है। इसलिए इस बारे में ऑर्डर जारी करने की जरूरत पड़ सकती है।’
रजत पंडित, नई दिल्ली:
कोरोना काल में सेना एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रही है। सीमा पर ने जहां चीन और पाकिस्तान ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं वहीं देश के भीतर कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सेना दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ ही वह कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की भी पूरी मदद कर रही है। लेकिन कोरोना ने सेना के लिए एक अजीब उलझन पैदा कर दी है। वह है मास्क को लेकर। मास्क के बारे में सेना ने कोई ऑर्डर जारी नहीं किया है जिससे फौजी अलग-अलग रंग और डिजाइन वाले मास्क पहन रहे हैं जो उनकी वर्दी से मेल नहीं खाते हैं।
सवाल यह है कि क्या सेना को अपने जवानों और अधिकारियों को साफ-साफ यह ऑर्डर जारी कर देना चाहिए कि उन्हें अपनी वर्दी के हिसाब से मास्क पहनना चाहिए? कुछ पुलिस अधिकारी ऐसे मास्क पहन रहे हैं जिनमें उसके रैंक के हिसाब से स्टार लगे हैं। हाल में एक राज्य के पुलिस महानिदेशक तीन स्टार वाला मास्क पहने दिखे। इस पर काफी होहल्ला हुआ था। शुक्र है कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक ऐसा नहीं किया है।
सदर्न नेवल कमांड ने जारी किया ऑर्डर
कोच्चि स्थित सदर्न नेवल कमांड ने अपने कर्मचारियों को अपनी वर्दी के हिसाब से कलर मास्क पहनने का निर्देश दिया है। उन्हें सफेद वर्दी के साथ सफेद मास्क और सेरेमोनियल यूनिफॉर्म के साथ नेवी ब्लू या ब्लैक मास्क पहनने को कहा गया है। डिफेंस सिक्योरिटी कोर और फायर सर्विसेज के जवानों को खाकी वर्दी के हिसाब से खाकी मास्क पहनना होगा। इतना ही नहीं मास्क नहीं लगाने वाले जवानों और अधिकारियों पर केरल सरकार के निर्देशों के मुताबिक जुर्माना लगेगा। अगर कोई जवान पहली बार बिना मास्क के पाया गया तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा और बार-बार गलती करने पर जुर्माने की राशि 2,000 रुपये हो जाएगी।
सेना के एक सूत्र ने कहा, ‘अधिकारी और जवान अलग-अलग रंग और डिजाइन वाले मास्क पहन रहे थे। इसलिए यह जरूरत महसूस हुई कि उन्हें वर्दी के रंग से मिलते जुलते मास्क पहनने चाहिए। साथ ही उन्हें गर्मी के इस मौसम में नायलॉन या सिंथेटिक के बजाय कॉटन के आरामदायक मास्क पहनने चाहिए।’ लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह आदेश केवल सदर्न नेवल कमांड के लिए है और पूरे देश में नेवी के लिए नहीं है।
प्रॉपर ड्रेस कोड बनाए रखने पर जोर
भले ही सेना ने मास्क के बारे में साफ-साफ आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन प्रॉपर ड्रेस कोड बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। उदाहरण के लिए नई दिल्ली में एयर हैडक्वार्टर में एयरफोरर्स के कई अधिकारी अपनी यूनिफॉर्म के हिसाब से ब्लू मास्क पहन रहे हैं। वेस्टर्न एयर कमांड का मुख्यालय भी दिल्ली में ही है। इसमें जवानों और अधिकारियों ब्लू बॉर्डर वाले सफेद मास्क पहने देखा जा सकता है। आर्मी के अधिकारी अक्सर सफेद या काला मास्क पहन रहे हैं जबकि कुछ कैमोफ्लाज मास्क भी पहन रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक इस बारे साफ-साफ कोई आदेश जारी नहीं किया गया है क्योंकि मास्क फौज की परंपरागत वर्दी का हिस्सा नहीं है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि लंबे समय तक मास्क पहनना पड़ सकता है। इसलिए इस बारे में ऑर्डर जारी करने की जरूरत पड़ सकती है।’
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