आज की दिल्ली /इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते भी कोरोना वायरस से जुड़ी ख़बरें ही सुर्ख़ियों में रहीं.
शनिवार रात बारह बजे तक के आँकड़ों के मुताबिक़ पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 29, 434 मामले हैं और अब तक 638 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमित आठ हज़ार से ज़्यादा मरीज़ ठीक भी हुए हैं.
पंजाब में सबसे ज़्यादा 11,093 मामले हैं जबकि कोरोना से मरने वाले सबसे ज़्यादा ख़ैबर पख़्तूख़्वाह में हैं जहां अब तक 234 लोगों की मौत हो चुकी है.
पाकिस्तान ने नौ मई तक लॉकडाउन की घोषणा की थी. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसके बावजूद 10 मई से कई जगहों पर कई तरह की ढील देने का फ़ैसला किया गया है.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार पंजाब और ख़ैबर पख़्तूख़्वाह प्रांत में 10 मई से लॉकडाउन में नरमी बरती जाएगी और सिंध-बलोचिस्तान में 11 मई से लॉकडाउन में ढील दी जाएगी.
अख़बार के अनुसार पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री शिबली फ़राज़ ने कहा है कि लॉकडाउन खोलने की कामयाबी में आम जनता के सहयोग की ज़रूरत है. उनके अनुसार लंबा लॉकडाउन छोटे कारोबारियों को हमेशा के लिए ठप कर देता है. लॉकडाउन में राहत के बावजूद शॉपिंग मॉल, सिनेमा घर, होटल और शिक्षण संस्थाएं बंद रहेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनता की सेहत की हिफ़ाज़त और आर्थिक गतिविधियों को साथ लेकर चलना है.
उन्होंने ये भी कहा कि अगर एहतियात नहीं की गई तो दोबारा लॉकडाउन की तरफ़ जाना होगा.
लेकिन केंद्र सरकार के इस फ़ैसले से राज्य सरकारें पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं.
अख़बार जंग ने लिखा है कि 'कोरोना के मामले में पाकिस्तान की हालत और ख़राब, पंजाब सरकार बड़े शहरों में लॉकडाउन में ढील देने का विरोध करती है.'
अख़बार के अनुसार पंजाब के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फ़ैय्याज़ चौहान ने कहा कि पाकिस्तान में हालात ख़राब होते जा रहे हैं. केवल पिछले 24 घंटों में 1908 नए मामले सामने आए हैं.
पंजाब के मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्रीय सरकार से लॉकडाउन में किसी तरह की ढील दिए जाने का विरोध किया है और सरकार से अपील की है कि वो बड़े शहरों में लॉकडाउन में सख़्ती में कमी न करें. उन्होंने ये भी कहा कि शुक्रवार और शनिवार को पूरे पंजाब में पूर्ण लॉकडाउन रहा और रविवार को भी पूरी तरह बंद रहेगा. उनके अनुसार सोमवार से ढील दी जाएगी.
उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस क़ाबू में है.
अख़बार जंग के अनुसार कोरोना नेशनल हेल्थ टास्क फ़ोर्स को संबोधित करते हुए इमरान ख़ान ने कहा कि पाकिस्तान में हालात दूसरे देशों की तुलना में क़ाबू में हैं. इस मौक़े पर इमरान ने कहा कि, ''आर्थिक चुनौतियों के लिए असामान्य हल निकालने होंगे. तमाम कोशिशें आम आदमी को राहत देने के लिए होनी चाहिए.''
भारत से दवा आयात करने के इमरान ख़ान सरकार के फ़ैसले को वहां की विपक्षी पार्टियों ने स्कैंडल क़रार दिया है.
पूरा मामला ये है कि पाकिस्तान ने भारत से ज़रूरी दवाओं को आयात करने का फ़ैसला किया है. लेकिन विपक्ष का कहना है कि ज़रूरी दवाओं (लाइफ़ सेविंग ड्रग्स) की आड़ में सरकार ने मामूली दवाएं भी आयात करने का फ़ैसला किया है जिसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार है. मामला तब सामने आया जब भारत से और 429 दवाओं को आयात करने की फ़ाइल कैबिनेट के सामने आई.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार इमरान ख़ान ने इसकी जाँच के आदेश दे दिए हैं. लेकिन अख़बार दुनिया के अनुसार मुस्लिम लीग (नून) के अध्यक्ष और संसद में नेता प्रतिपक्ष नवाज़ शरीफ़ ने इस कथित घोटाले की संसदीय समिति से जाँच कराने की माँग की है.
शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि इमरान ख़ान ख़ुद स्वास्थ्य मंत्री भी हैं और ये फ़ैसला कैबिनेट ने लिया था इसलिए इमरान ख़ान इस ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते. उन्होंने कहा कि अगर यही फ़ैसला मुस्लिम लीग की सराकर ने लिया होता तो इमरान ख़ान अब तक ग़द्दारी का मुक़दमा दर्ज करा चुके होते.
तालिबान के पहले प्रमुख मुल्ला उमर के बेटे को तालिबान के अंदर बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई है.
अख़बार दुनिया के अनुसार अफ़ग़ान तालिबान के पहले प्रमुख मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मोहम्मद याक़ूब को तालिबान का सैन्य प्रमुख बनाया गया है. इसके अलावा वो मौजूदा अमीर (प्रमुख) हैबतुल्लाह के नायब अमीर ( उप-प्रमुख) की ज़िम्मेदारी भी निभाएंगे.
मोहम्मद याक़ूब को चार साल पहले तालिबान की सर्वोच्च बॉडी 'रहबरी शूरा' में पहली बार शामिल किया गया था.
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