आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन
नई दिल्ली. पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pthan) उन खिलाड़ियों में से एक है, जिनका करियर शानदार प्रदर्शन के बावजूद जल्द खत्म हो गया. इरफान के अनुसार उन्हें 30 साल की उम्र में बूढ़ा बना दिया गया. 2003 में भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले इरफान ने सुरेश रैना (Suresh Raina) के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर ये बात कही. दरअसल इरफान ने रैना को याद दिलाते हुए कहा कि उन दोनों के बीच तीन नाबाद विजयी साझेदारी हुई, इस बात पर रैना ने उनसे कहा कि उन्हें श्रीलंका के खिलाफ 2012 में खेली गई पारी आज भी याद है. जहां उन्होंने अकेले दम पर भारत को जीत दिलाई. रैना की बात सुनकर इरफान ने कहा कि वो मैच उनके करियर का आखिरी वनडे साबित हुआ. पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि आज के समय में अगर कोई ऐसा खेले तो वो सालभर के लिए टीम से बाहर नहीं होगा.
इस बीच रैना ने कहा कि बीसीसीआई (BCCI) को आईसीसी या विदेशी लीग की फ्रेंचाइजी से बात करके हमें दो अलग अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति देनी चाहिए. कम से कम हमें दो विदेशी लीग में खेलने की अनुमति होनी चाहिए. इससे वहां अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो नेशनल टीम में वापसी कर सकते हैं.
इरफान पठान का दर्द आया सामने
इरफान पठान ने कहा कि हमारे देश और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड की सोच में फर्क है. माइकल हसी ने 29- 30 की उम्र में डेब्यू किया था और जब वो रिटायर हुए, तब वह महान क्रिकेटर्स की सूची में शुमार थे. मगर भारत में 30 की उम्र में कोई डेब्यू करने के बारे में सोच ही नहीं सकता. यहां बूढ़ा बताने लगते हैं. इरफान ने कहा कि उन्हें 30 साल की उम्र में बूढ़ा बना दिया गया. एक बार बीसीसीआई के किसी शख्स ने वडोदरा के किसी क्रिकेटर को उनके लिए कहा कि वो तो उनकी रडार पर हैं ही नहीं. इरफान ने कहा कि वैसे तो 30 की उम्र में बूढ़ा नहीं मानना चाहिए, मगर फिर भी ऐसी सोच है तो जितने भी 30 के आस पास वाले खिलाड़ी हैं, जो बोर्ड या एसोसिएशन के रडार पर नहीं हैं, उन्हें बाहर की लीग्स में खेलने का मौका देना चाहिए.
आपसी बातचीत होनी चाहिए
इरफान पठान ने कहा कि आपसी बातचीत भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई उन्हें, रैना या फिर हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों से बातचीत करते तो बहुत कुछ हो सकता है. मगर मुद्दा ये है कि आपसी बातचीत कौन करेगा.
नई दिल्ली. पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pthan) उन खिलाड़ियों में से एक है, जिनका करियर शानदार प्रदर्शन के बावजूद जल्द खत्म हो गया. इरफान के अनुसार उन्हें 30 साल की उम्र में बूढ़ा बना दिया गया. 2003 में भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले इरफान ने सुरेश रैना (Suresh Raina) के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर ये बात कही. दरअसल इरफान ने रैना को याद दिलाते हुए कहा कि उन दोनों के बीच तीन नाबाद विजयी साझेदारी हुई, इस बात पर रैना ने उनसे कहा कि उन्हें श्रीलंका के खिलाफ 2012 में खेली गई पारी आज भी याद है. जहां उन्होंने अकेले दम पर भारत को जीत दिलाई. रैना की बात सुनकर इरफान ने कहा कि वो मैच उनके करियर का आखिरी वनडे साबित हुआ. पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि आज के समय में अगर कोई ऐसा खेले तो वो सालभर के लिए टीम से बाहर नहीं होगा.
इस बीच रैना ने कहा कि बीसीसीआई (BCCI) को आईसीसी या विदेशी लीग की फ्रेंचाइजी से बात करके हमें दो अलग अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति देनी चाहिए. कम से कम हमें दो विदेशी लीग में खेलने की अनुमति होनी चाहिए. इससे वहां अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो नेशनल टीम में वापसी कर सकते हैं.
इरफान पठान का दर्द आया सामने
इरफान पठान ने कहा कि हमारे देश और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड की सोच में फर्क है. माइकल हसी ने 29- 30 की उम्र में डेब्यू किया था और जब वो रिटायर हुए, तब वह महान क्रिकेटर्स की सूची में शुमार थे. मगर भारत में 30 की उम्र में कोई डेब्यू करने के बारे में सोच ही नहीं सकता. यहां बूढ़ा बताने लगते हैं. इरफान ने कहा कि उन्हें 30 साल की उम्र में बूढ़ा बना दिया गया. एक बार बीसीसीआई के किसी शख्स ने वडोदरा के किसी क्रिकेटर को उनके लिए कहा कि वो तो उनकी रडार पर हैं ही नहीं. इरफान ने कहा कि वैसे तो 30 की उम्र में बूढ़ा नहीं मानना चाहिए, मगर फिर भी ऐसी सोच है तो जितने भी 30 के आस पास वाले खिलाड़ी हैं, जो बोर्ड या एसोसिएशन के रडार पर नहीं हैं, उन्हें बाहर की लीग्स में खेलने का मौका देना चाहिए.
आपसी बातचीत होनी चाहिए
इरफान पठान ने कहा कि आपसी बातचीत भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई उन्हें, रैना या फिर हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों से बातचीत करते तो बहुत कुछ हो सकता है. मगर मुद्दा ये है कि आपसी बातचीत कौन करेगा.
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