Sunday, May 10, 2020

कैलास मानसरोवर लिंक रोड पर नेपाल को दो टूक जवाब- भारतीय क्षेत्र में बनी है सड़क

आज की  दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन 

Contractor companies blamed for making highway vulnerable ...


नई दिल्ली उत्तराखंड में धारचूला और लिपुलेख दर्रे (Lipulekh pass) को जोड़ने के लिए भारत ने एक सड़क बनाई है। पड़ोसी राज्य नेपाल ने कैलास मानसरोवर लिंक रोड (Kailash Mansarovar link road) पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यह एकतरफा कार्रवाई है। साथ ही नेपाल ने इस क्षेत्र को अपना हिस्सा बताते हुए कहा कि भारत यहां कोई गतिविधि ना करे। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि यह पिथौरागढ़ का यह हिस्सा पूरी तरह से भारत का हिस्सा है।

भारत ने शनिवार को नेपाल की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि उत्तराखंड में धारचूला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ते हुए जो नई सड़क (कैलास मानसरोवर लिंक) बनाई गई है, वह पूरी तरह उसके क्षेत्र में है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में चीन की सीमा से सटे क्षेत्र में 17,000 फुट की ऊंचाई पर 80 किलोमीटर लंबे रणनीतिक मार्ग का उद्घाटन किया। नेपाल ने शनिवार को यह कहते हुए ऐतराज जताया कि यह 'एकतरफा कार्रवाई' दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दों के समाधान के लिए बनी आपसी समझ के खिलाफ है।
भारत ने दिया साफ जवाब- सड़क भारत में बनी है
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हाल में उद्घाटन किया गया मार्गखंड पूरी तरह भारत के क्षेत्र में है। यह सड़क कैलास मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के उपयोग में आने वाले वर्तमान मार्ग पर ही है। वर्तमान परियोजना के अंतर्गत उसी रास्ते को तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और व्यापारियों की सुविधा के लिए आवागमन लायक बनाया गया है। भारत और नेपाल ने सभी सीमा मामलों से निपटने के लिए व्यवस्था स्थापित कर रखी है।

बताते चलें कि लिपुलेख दर्रा कालापानी के समीप एक सुदूर पश्चिम स्थान है। कालापानी भारत और नेपाल के बीच विवादित सीमा क्षेत्र है। भारत और नेपाल दोनों ही उसे अपना हिस्सा बताते हैं। नेपाल ने इस सड़क के निर्माण के बाद भारत से उसकी सीमा के अंदर कोई भी गतिविधि नहीं करने के लिए कहा है। उसका कहना है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कूटनीतिक तरीके से निपटाया जाएगा।

नेपाल का दावा- सड़क उसके क्षेत्र से गुजरती है
नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'नेपाल सरकार को पता चला है कि भारत ने कल (शुक्रवार को) लिपु लेख को जोड़ने वाली लिंक रोड का उद्घाटन किया है, जो नेपाल से होकर गुजरती है।' नेपाल ने कहा कि उसने हमेशा यह साफ किया है कि सुगौली समझौते (1816) के तहत काली नदी के पूर्व का इलाका, लिंपियादुरा, कालापानी और लिपुलेख नेपाल का है। उसका कहना है, 'नेपाल सरकार ने कई बार पहले और हाल में भी कूटनीतिक तरीके से भारत सरकार को उसके नया राजनीतिक नक्शा जारी करने पर बताया था।
कूटनीतिक समाधान के पक्ष में है नेपाल
नेपाल ने इस कदम को एकपक्षीय बताया है और कहा कि यह इस समझ के खिलाफ है कि दोनों देश बातचीत और सहमति से सीमा विवाद को निपटाएंगे। नेपाल का दावा है कि वह ऐतिहासिक समझौतों, दस्तावेजों, तथ्यों और नक्शों की बदौलत इसे सुलझाना चाहता है। बता दें कि भारत के बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने कैलाश मानसरोवर रूट से लिपुलेख पास को जोड़ा है, जिससे सीमावर्ती गांवों और सुरक्षाबलों को कनेक्टिविटी मिल सके।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.