आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :
टिकटॉक के खिलाफ भारत में बवाल काफी पहले से चल रहा है लेकिन हाल ही में टिकटॉक और यूट्यूब के बीच हुई लड़ाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल-वोकल वाले बयान के बाद लोगों ने टिकटॉक एप को डिलीट करना शुरू कर दिया। लोगों के प्ले-स्टोर पर निगेटिव रिव्यू देकर टिकटॉक की रेटिंग गिरा दी।
इसी बीच एक एप वायरल हो रहा है जिसका नाम मित्रों एप (Mitron App) है। इस एप को स्वदेशी या मेड इन इंडिया के नाम पर खूब प्रसारित किया गया और देखते-देखते 50 लाख से भी अधिक लोगों ने इसे डाउनलोड कर लिया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस मित्रों एप को आप मेड इन इंडिया मानकर डाउनलोड कर रहे हैं, वह वास्तव में इंडिया का है ही नहीं।
पाकिस्तानी डेवलपर ने बनाया एप
टिकटॉक के खिलाफ भारत में बवाल काफी पहले से चल रहा है लेकिन हाल ही में टिकटॉक और यूट्यूब के बीच हुई लड़ाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल-वोकल वाले बयान के बाद लोगों ने टिकटॉक एप को डिलीट करना शुरू कर दिया। लोगों के प्ले-स्टोर पर निगेटिव रिव्यू देकर टिकटॉक की रेटिंग गिरा दी।
इसी बीच एक एप वायरल हो रहा है जिसका नाम मित्रों एप (Mitron App) है। इस एप को स्वदेशी या मेड इन इंडिया के नाम पर खूब प्रसारित किया गया और देखते-देखते 50 लाख से भी अधिक लोगों ने इसे डाउनलोड कर लिया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस मित्रों एप को आप मेड इन इंडिया मानकर डाउनलोड कर रहे हैं, वह वास्तव में इंडिया का है ही नहीं।
पाकिस्तानी डेवलपर ने बनाया एप
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक Mitron App एप को पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर डेवलपर इरफान शेख से खरीदा गया है, जबकि दावा किया गया था कि इस एप को आईआईटी, रुड़की के एक छात्र शिवांक अग्रवाल ने तैयार किया है। आपको बता दें कि मित्रों एप का असली नाम TicTic एप है जिसे पाकिस्तान के इरफान शेख की कंपनी Qboxus ने तैयार किया था
इरफान शेख ने इस एप के सोर्स कोड को 34 डॉलर्स यानी करीब 2,500 रुपये में किसी को बेच दिया। अब यहां समस्या को डेवलपर और पाकिस्तान से नहीं है, समस्या है प्राइवेसी और मेड इन इंडिया के नाम पर प्रचार करने की। सच तो यह है कि पाकिस्तानी टिकटिक एप में कोई बदलाव ही नहीं किया गया है। सिर्फ टिकटिक का नाम मित्रों रख दिया गया है।
यदि आप गूगल प्ले-स्टोर पर जाकर मित्रों एप की प्राइवेसी पॉलिसी पर क्लिक करें तो आपको shopkiller.in का लिंक मिलेगा लेकिन यह लिंक ब्लैंक है। इसका मतलब यह है कि मित्रों एप की कोई प्राइवेसी पॉलिसी ही नहीं है।
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