Sunday, May 31, 2020

राष्ट्रीय युवा दिवस : दुनिया के मेहनती लोगों में सबसे आगे हैं भारतीय युवा

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



आज राष्ट्रीय युवा दिवस है। 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में जन्में नरेंद्र नाथ आगे चलकर स्वामी विवेकानंद के नाम से मशहूर हुए। उनकी जयंती पर देश में ये दिन मनाया जाता है। आज हम आपको भारतीय युवा की ताकत के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे पूरी दुनिया भी स्वीकार कर चुकी है। ये ताकत है मेहनत की। 

अमेरिका के बहुराष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान क्रोनोस की हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों में काम करने वाले युवाओं में सबसे अधिक मेहनती भारतीय युवा हैं। इंटरनेशनल वर्कफोर्स मैनेजमेंट कंपनी क्रोनोस इन्कॉर्पोरेटेड की ओर से ये सर्वे कराया गया है। 
भारत दुनिया का सबसे मेहनती देश
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे मेहनती देश है। यहां के लोग ऐसे हैं जो लगातार 5 दिनों तक काम करते हैं। सर्वे में शामिल कर्मचारियों से जब ये सवाल किया गया कि वह मौजूदा वेतन पर कितने दिन काम करते हैं, तो उन्हें जवाब में 69 फीसदी भारतीयों ने कहा कि वह पांच दिनों तक काम करते हैं।

दूसरे नंबर पर हैं इस देश के लोग

रिपोर्ट में दूसरे नंबर पर मैक्सिको के लोग हैं। सर्वे में पता चला है कि अगर सैलरी में कोई बदलाव न हो तो दुनियाभर के 34 फीसदी लोग हफ्ते में चार दिन जबकि 20 फीसदी लोग हफ्ते में तीन दिन काम करना चाहते हैं। मैक्सिको के लोग भारत के बाद दूसरे स्थान पर हैं, यहां के 43 फीसदी कर्मचारी पांच दिनों तक काम करने की चाहत रखते हैं। 27 फीसदी के साथ अमेरिकी कर्मी तीसरे नंबर पर हैं। जो पांच दिनों तक काम करने से खुश हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के 19 फीसदी और फ्रांस के 17 फीसदी लोगों को पांच दिनों तक काम करने में कोई परेशानी नहीं है।

1 दिन काम करने के लिए 20 फीसदी सैलरी छोड़ने को तैयार

सर्वे में सबसे दिलचस्प बात ये है कि करीब 35 फीसदी कर्मचारी ऐसे हैं जो हफ्ते में केवल एक ही दिन काम करने के लिए अपनी 20 फीसदी सैलरी छोड़ने को तैयार हैं। ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के कर्मियों का कहना है कि वह अधिकतर घंटों तक काम नहीं कर पाए। उनका कहना है कि उन्हें अपना काम पूरा करने के लिए दिन में पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है।

अनुसंधान फर्म बीआई वर्ल्डवाइड के एक सर्वे में ये भी कहा गया है कि अधिकतर भारतीय काम में डूबे रहते हैं। इस सर्वे में कहा गया है कि 51 फीसदी भारतीय कर्मचारी पूरी लगन के साथ काम करते हैं। वैश्विक स्तर पर काम में डूबने वाले लोगों में भारतीयों के बाद चीनी लोगों का नंबर आता है। काम में डूबने वाले लोगों में चीन के 49 फीसदी, अमेरिका के 38 फीसदी, ब्राजील के 36 फीसदी, कनाडा के 28 फीसदी और ब्रिटेन के 24 फीसदी लोग हैं।

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