आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :
कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी दुनिया माथापच्ची कर रही है। कई देशों के वैज्ञानिक इसके वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं, लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों के हवाले से एक रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन बन भी जाए तब भी हो सकता है कि कोरोना वायरस कभी खत्म न हो। जैसे एचआईवी, चिकेनपॉक्स, मीजल्स आदि हैं।
वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी रोग के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लंबे समय तक बने रहना अमेरिका के अगले चरण की महामारी के शोध के लिए अहम होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि तमाम अनिश्चितताओं के बीच नोवल कोरोना वायरस कुछ चीजों में बचा रह जाएगा, जिसे हम भविष्य में गिना सकते हैं। अभी चार स्थानिक कोरोना वायरस मौजूद हैं। कई विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 पांचवां होगा।
शिकागो विश्वविद्यालय में विकासमूलक जीवविज्ञानी और महामारी विशेषज्ञ सारा कोबे ने कहा, यह वायरस यहां लंबे समय तक रहेगा। अब सवाल यह है कि हम इसके साथ सुरक्षित कैसे रह सकते हैं। उनके मुताबिक इस महामारी से लड़ने के लिए लगातार कोशिश और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के पूर्व निदेशक टॉम फ्रीडेन ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि अभी हम ध्यान न दे पाने की कमी से जूझ रहे हैं। हम जो कर रहे हैं वह केवल अल्पकालिक कदम हैं।
हमें क्या करना चाहिए
टॉम ने कहा कि लोग अक्सर हमसे पूछते हैं कि हमें वह कौन सा एक काम करना चाहिए। तो मेरा जवाब है, एक काम जो करना चाहिए वह यह कि हमें समझना चाहिए यहां केवल एक चीज नहीं है। हमें इससे लड़ने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है। जबकि, अभी हो यह रहा है कि अमेरिका सहित अन्य देश किसी त्वरित वैक्सीन बनाने के लिए व्यग्र हैं।
वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी रोग के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लंबे समय तक बने रहना अमेरिका के अगले चरण की महामारी के शोध के लिए अहम होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि तमाम अनिश्चितताओं के बीच नोवल कोरोना वायरस कुछ चीजों में बचा रह जाएगा, जिसे हम भविष्य में गिना सकते हैं। अभी चार स्थानिक कोरोना वायरस मौजूद हैं। कई विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 पांचवां होगा।
शिकागो विश्वविद्यालय में विकासमूलक जीवविज्ञानी और महामारी विशेषज्ञ सारा कोबे ने कहा, यह वायरस यहां लंबे समय तक रहेगा। अब सवाल यह है कि हम इसके साथ सुरक्षित कैसे रह सकते हैं। उनके मुताबिक इस महामारी से लड़ने के लिए लगातार कोशिश और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के पूर्व निदेशक टॉम फ्रीडेन ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि अभी हम ध्यान न दे पाने की कमी से जूझ रहे हैं। हम जो कर रहे हैं वह केवल अल्पकालिक कदम हैं।
टॉम ने कहा कि लोग अक्सर हमसे पूछते हैं कि हमें वह कौन सा एक काम करना चाहिए। तो मेरा जवाब है, एक काम जो करना चाहिए वह यह कि हमें समझना चाहिए यहां केवल एक चीज नहीं है। हमें इससे लड़ने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है। जबकि, अभी हो यह रहा है कि अमेरिका सहित अन्य देश किसी त्वरित वैक्सीन बनाने के लिए व्यग्र हैं।
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