Sunday, May 10, 2020

योगी और शिवराज ने दी श्रम कानूनों में ढील, RSS का संगठन भी विरोध में

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन 

Fiery speeches gone, Adityanath gets down to creating a 'Yogi ...

उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने श्रम कानूनों में ढील देने का फैसला किया है। विपक्ष के साथ ही अब आरएसएस से जुड़ा संगठन भी इसके विरोध में उतर आया है। RSS के भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने श्रम कानून में इस परिवर्तन को मजदूर विरोधी बताया है। संगठन के प्रवक्ता ने कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय अधिकारों का उल्लंघन है।
 प्रवक्ता ने कहा कि सरकारों को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। संगठन ने यहा भी कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। कोरोना संकट की वजह से ठप पड़े कारोबार को गति देने के नाम पर यूपी में औद्योगिक इकाइयों, प्रतिष्ठानों और कारखानों को एक हजार दिन (यानी तीन साल) के लिए दी गई श्रम कानूनों में छूट देदी है। मजदूर संगठनों के साथ ही विरोधी दलों का कहना है कि औद्योगिक घरानों को मिली इस छूट का खामियाजा प्रदेश का मजदूर भुगतेगा। साथ ही इस छूट से स्पष्ट हो गया है रोजगार देने का ऐलान भी बीजेपी का चुनावी जुमला था।


पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करके श्रम कानूनों में छूट के फैसले के खिलाफ योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने ट्वीट करने इस फैसले को गरीबों और मजदूरों के खिलाफ बताया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली गरीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि यूपी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में पहले सप्ताह में 48 घंटे के काम का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर 72 घंटे कर दिया गया है। अब दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम करने पर उसका अलग से भुगतान भी नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही यूपी सरकार ने ट्रेड यूनियन की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है। इसके माध्यम से मजदूर अपनीं मांगों को मनवाने का प्रयत्न किया करते थे। 

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