Sunday, May 31, 2020

युवाओं को ड्रग्स से दूर रखने का रास्ता मिला, खोज निकाला गया ऐसा तरीका...होगा दोहरा फायदा

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए समाधान निकाल लिया गया है। इसके लिए एक ऐसा तरीका खोजा गया है, जिसे अपना लेंगे तो दोहरा फायदा होगा। दरअसल, ट्राइसिटी के युवाओं को नशे की बुरी लत से बचाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन अनूठी पहल करने जा रहा है। केंद्र सरकार की मदद से प्रशासन ने 920 एकड़ एग्रीकल्चर लैंड पर आर्गेनिक खेती का खाका तैयार किया है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय से अनुमति मिलते ही आर्गेनिक एग्रीकल्चर पर काम शुरू हो जाएगा। इसमें जहां नशे से तबाह हो रहे ट्राइसिटी के हजारों युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा। वहीं, पौष्टिक आहार मिलने से युवा शारीरिक रूप से मजबूत हो सकेंगे। इसके साथ ही ट्राइसिटी को जैविक सिटी के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
ट्राइसिटी के अंतर्गत आने वाले चंडीगढ़ सिटी, मोहाली और पंचकूला में करीब 1200 एकड़ एग्रीकल्चर लैंड है, जिसमें प्रशासन परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत 920 हेक्टेयर जमीन पर जैविक फसलों की खेती करेगा। उत्पादन के बाद जैविक अनाज को चंडीगढ़ समेत दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों तक पहुंचाने की योजना है। इसके लिए किसानों को इधर-उधर भागना नहीं पडे़गा। कंपनियां खुद खेतों से अनाज खरीदकर दूसरे महानगरों में बिक्री करेंगी।

प्रशासन ने गांवों में जैविक खेती के लिए अगले तीन साल में 4.60 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। इसके अलावा एजेंसियां जैविक खेती से उत्पादन बढ़ाने में किसानों की मदद करेंगी। एजेंसियां पहले 10 फीसदी और इसके बाद 20 से 30 फीसदी तक उत्पादन बढ़ाने के साथ ही आय बढ़ाने को लेकर किसानों की मदद करेंगी। प्रशासन किसानों की ओर से उत्पादित किए जाने वाले जैविक उत्पाद की पैकेजिंग, ब्रांडिंग, प्रमाणीकरण से लेकर उनके परिवहन तक में पूरी तरह से सहायता करेगा।

रोजगार से युवाओं को जाएगा जोड़ा
पंजाब-हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में भी नशे की मार से युवा वर्ग तबाह हो रहा है। यहां के युवा शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो रहे हैं। यही वजह है कि हाल ही में हाईकोर्ट ने शादी से पहले युवाओं के  डोप टेस्ट की बात कही थी। चंडीगढ़ प्रशासन ने ट्राइसिटी को आर्गेनिक सिटी बनाने के साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए जैविक खेती का फार्मूला अपनाया है।

आर्गेनिक एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के तहत प्रशासन गांवों में मौजूद छोटे और सीमांत किसानों की जमीन को अलग-अलग क्लस्टर में विभाजित करेगा। डीबीटी योजना के माध्यम से इसका सीधा लाभ किसानों को प्रदान किया जाएगा। योजना के अंतर्गत आने वाले गांवों में कैंबवाला, मनीमाजरा, हल्लोमाजरा, रायपुर खुर्द, सारंगपुर, खुड्डा जस्सू, खुड्डा लाहौरा, धनास, खुड्डा अलीशेर, बुड़ैल, डड्डूमाजरा और मलोया शामिल हैं।

आने वाले समय में किसानों को होगा फायदा
डिप्टी कमिश्नर एवं कृषि उपायुक्त-सह-निदेशक अजीत बालाजी जोशी ने बताया कि यह प्रशासन का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससे जहां ट्राइसिटी आर्गेनिक सिटी के रूप में विकसित होगी, वहीं युवाओं को भरपूर रोजगार मिलेगा। इस खेती से किसानों को आने वाले समय में भारी मुनाफा होगा। मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा। 

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