आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :
न्यूयॉर्क: लोगों में छिपे हुए खजाने को खोजने का एक अलग जुनून होता है. ऐसे ही एक छिपे खजाने की तलाश करीब एक दशक बाद जाकर खत्म हुई. सोने, जवाहरात और कीमती पत्थरों से भरा खजाने का एक बक्सा, जिसकी कीमत करीब एक मिलियन डॉलर यानी 7.54 करोड़ रुपए के करीब है, उसे रॉकी माउंटेन्स (Rocky Mountains) से खोज लिया गया.
एंटीक कलाकृतियों और कीमती वस्तुओं का संग्रह करने वाले ट्रेज़र हंटर फॉरेस्ट फेन (Forrest Fenn) का कहना है कि उन्होंने करीब एक दशक पहले इस खजाने को छिपाया था और लोगों को खोजने का लक्ष्य लोगों के बीच रखा था. 89 वर्षीय फेन का कहना है कि खजाना खोजने वाले व्यक्ति ने कुछ दिन पहले ही इसे ढूंढा है. वो पूर्व की तरफ का है, लेकिन अपना नाम नहीं बताना चाहता. उसने इस खोज की तस्वीर उन्हें भेजी है. जिससे उन्हें इस खोज के बारे में पता चला.
खजाने में थीं ये कीमती चीजें
सेंटा फी में रहने वाले फेन ने कहा कि उन्होंने एक दशक पहले अपने खजाने को अच्छी तरह से पैक किया था. जिसपर उन्होंने गोल्ड डस्ट छिड़की थी, उसमें उन्होंने सैकड़ों दुर्लभ सोने के सिक्के और सोने के टुकड़े भी रखे थे. उसमें पूर्व-कोलम्बियाई जानवरों की आकृतियां और सोने से जड़े प्रागैतिहासिक 'दर्पण' भी थे. इसके साथ-साथ, माणिक और पन्नों से जड़े एंटीक गहने भी रखे थे.
सेंटा फी में रहने वाले फेन ने कहा कि उन्होंने एक दशक पहले अपने खजाने को अच्छी तरह से पैक किया था. जिसपर उन्होंने गोल्ड डस्ट छिड़की थी, उसमें उन्होंने सैकड़ों दुर्लभ सोने के सिक्के और सोने के टुकड़े भी रखे थे. उसमें पूर्व-कोलम्बियाई जानवरों की आकृतियां और सोने से जड़े प्रागैतिहासिक 'दर्पण' भी थे. इसके साथ-साथ, माणिक और पन्नों से जड़े एंटीक गहने भी रखे थे.
फेन के मुताबिक उस खजाने के बक्से का वजन 9 किलो था जिसमें 10 किलो खजाना रखा था यानी कुल 19 किलो. फेन ने एक बार में ही ये खजाना नहीं छिपाया, बल्कि दो बार अलग-अलग यात्रा के दौरान इसे छिपाया था.
कहां छिपाया था खजाना
फेन ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि- 'रॉकी माउंटेंस के घने जंगलों में ये बक्सा तारों के ठीक नीचे था. और 10 साल पहले जहां मैंने इसे छिपाया था, ये वहां से हिला तक नहीं था. इसे खोजने वाले व्यक्ति को तो मैं नहीं जानता, लेकिन मेरी किताब में लिखी कविता ने उसे सही जगह पहुंचा दिया.'
फेन ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि- 'रॉकी माउंटेंस के घने जंगलों में ये बक्सा तारों के ठीक नीचे था. और 10 साल पहले जहां मैंने इसे छिपाया था, ये वहां से हिला तक नहीं था. इसे खोजने वाले व्यक्ति को तो मैं नहीं जानता, लेकिन मेरी किताब में लिखी कविता ने उसे सही जगह पहुंचा दिया.'
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