Monday, June 1, 2020

अमेरिका में सड़कों पर कोहराम, 25 शहरों में लगा कर्फ्यू; इन 3 शब्दों ने लगाई लाग

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



वॉशिंगटन: इस वक्त जहां अमेरिका कोरोना की महामारी से जूझ रहा है, वहीं रंगभेद से उभरे आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है. अमेरिका में हिंसक भीड़ कई जगह दुकानों में तोड़फोड़ करके वहां पर रखा सामान लूट रही है. कई शहरों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. जिस अमेरिका में कोरोना एक लाख लोगों की जान ले चुका है, वहां ऐसी हिंसा का भड़क जाना अपने आप में गंभीर बात है. 
तीन शब्दों ने लगाई अमेरिका में आग!
दरअसल ये पूरा विवाद अब रंगभेद से जुड़कर देखा जाने लगा है. जिसकी शुरुआत एक अश्वेत व्यक्ति की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी जिसका वीडियो भी वायरल हो गया था. जॉर्ज फ्लॉयड नाम के व्यक्ति को पुलिस धोखाधोड़ी के आरोप में पकड़ने गई थी. जॉर्ज को देखते ही पुलिस ने उसे हथकड़ी लगाकर पकड़ने की कोशिश की. जॉर्ज ने इसका विरोध किया. विरोध के जवाब में डेरेक चॉविन नाम के एक पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज के साथ ज़बरदस्ती की और उन्हें ज़मीन पर पटक दिया. सड़क पर खड़ी एक कार के पिछले पहिये के पास ज़मीन पर जॉर्ज पड़े थे. और उनके ऊपर चढ़े डेरेक चॉविन ने अपने बायें पैर से जॉर्ज का गला दबाया हुआ था और वो भी पूरे सात मिनट तक.  
इस दौरान जॉर्ज रोतो रहे. छटपटाते रहे और बोलते रहे कि उन्हें सांस नहीं आ रही है. मुझे छोड़ दो (I CANT BREATHE). 
इस पूरे वाकये को एक महिला ने कैमरे में कैद कर लिया. पुलिसकर्मी के लगातार गर्दन दबाए रखने की वजह से जॉर्ज की मौत हो गई और तभी से अमेरिका में शुरू हो गया.  
अमेरिका में ये पहला वाकया नहीं जब रंगभेद की वजह से ऐसा आंदोलन देखने को मिला हो. 2014 में भी ठीक इसी तरह का एक कत्ल पुलिस की हिरासत में हुआ था, तब भी मारे गए व्यक्ति के आखिरी तीन शब्द 'I CANT BREATHE' ही थे और अब ऐसा लग रहा है मानो अमेरिका में पुराना इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है. 
अमेरिका में हालात बेहद तनावपूर्ण
अब अमेरिका में हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं. मिनिपोलिस से शुरू हुआ आंदोलन पूरे देश में फैल चुका है. लोगों ने उन पुलिस थानों को आग लगा दी, जहां पर आरोपी पुलिसकर्मी काम करते थे. आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन अश्वेत समुदाय के लोग आरोपियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग रहे हैं. लोग चार दिन से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन इसमें दंगाइयों को भी मौका मिल गया, वो जगह जगह आग लगा रहे हैं। सिर्फ यही नहीं वो आतिशबाज़ी और डांस करके जश्न भी मना रहे हैं. 
कई जगहों पर सुपरमार्केट्स में लूटपाट
इन दंगों के बीच मिनिपोलिस शहर में कई जगहों पर सुपरमार्केट्स में लूटपाट भी हुई. दंगाइयों ने दुकानों में तोड़फोड़ करके वहां पर रखा सामान लूट लिया. अश्वेत समुदाय के लोगों ने पुलिस पर भी हमले किए. उनकी गाड़ियों को तोड़ दिया. हालत ये है कि मिनिपोलिस शहर में अमेरिका को नेशनल गार्ड लगाना पड़ा है. ये अमेरिका की सेना का अतिरिक्त सैन्यबल है, जिसे वहां पर घरेलू आपातकाल की स्थितियों में उतारा जाता है.  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने भी कह दिया है कि लूटमार करने पर गोली मार दी जाएगी. 
ये हालात सिर्फ मिनिपोलिस में ही नहीं है. लुईविल और अटलांटा में भी इस मूवमेंट को लेकर कई हिंसा की घटनाएं देखने को मिली जबकि पूरे अमेरिका में इस आंदोलन के तहत विरोध प्रदर्शन शुरु हो चुका है जो कि अमेरिका की इस वक्त एक और सबसे बड़ी मुसीबत बना हुआ है. अमेरिका के लॉस एंजेलिस में भी भीड़ ने दुकानों पर धावा बोला. दंगाई लूटे हुए सामान को अपनी कारों में भरकर भी ले गए. सड़कों पर आग लगा दी गई. लूटपाट के बाद दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया.  

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