Saturday, June 13, 2020

दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे में अमृतसर को पुनः शामिल करने पर 'जागो' पार्टी ने मोदी का किया धन्यवाद


जत्थेदार के ब्यान पर बादलों की चुप्पी रहस्यमय: जीके

नई दिल्ली (13 जून 2020) खालिस्तान के मसले पर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के द्वारा दिए गए ब्यान पर शिरोमणी अकाली दल के बड़े नेताओं की चुप्पी पर 'जागो' पार्टी ने सवाल उठाए है। साथ ही खालिस्तान के मामले को उभारने के पीछे अकाली दल की मंशा का भी खुलासा किया है। पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने  दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे में अमृतसर को पुनः शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के द्वारा 6 जून 2020 को श्री दरबार साहिब परिसर, अमृतसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी मौके  मीडिया को खालिस्तान के हक में दिए गए ब्यान के पीछे अकाली दल के नेताओं की सिखों पर अपनी पकड़ बनाने की सोच होने का भी दावा किया हैं। 

जीके ने कहा कि सिखों में अपना आधार खो चुके अकाली नेताओं को अब शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आगामी चुनाव को हारने का डर सता रहा हैं। अकाली दल के सरप्रस्त प्रकाश सिंह बादल का अतीत शुरू से ही सिख भावनाओं को भड़का कर अपनी सियासी जमीन तैयार करने वाला रहा है। चाहे वो 1978 में निरंकारीयों के खिलाफ सिखों को लामबंद करने के बाद 13 सिखों की हत्या करवा कर बाद में निरंकारी प्रमुख के बरी होने में बड़ी भूमिका निभाने का हो या जून 1984 में श्री दरबार साहिब पर हुए हमले के वक्त अपने साथियों को हाथ खड़े करवा करके बाहर लाने के बाद फौज में कार्य करते सिखों को भड़का करके उन्हें बैरकों को छोड़ने के लिए उकसाने का हो। बादल की भूमिका हमेशा सिखों को उकसा व मरवा कर उस पर अपनी सियासत चमकाने की रहीं हैं। इसलिए जत्थेदार के ब्यान पर बादलों की चुप्पी साधारण बात नहीं हैं।

जीके ने कहा कि अकाली दल के 2017 के पंजाब विधानसभा तथा 2019 के लोकसभा चुनाव मोदी लहर होने के बावजूद बुरी तरह हारने के पीछे सिखों का अकाली दल से मोहभंग होना बड़ा कारण था। बादल परिवार को इस बात का साफ अंदेशा हैं कि यदि शिरोमणी कमेटी के चुनाव जल्दी हुए तो उनकी पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाएगा। इसी बात को समझते हुए बादल परिवार की तरफ से जत्थेदार से वो बात मीडिया के सामने कहलवाई गई लगती हैं, जो कि जत्थेदार द्वारा कुछ देर पहले श्री अकाल तख्त साहिब की प्राचीर से दिए गए भाषण का हिस्सा नहीं थी और साथ ही उस ब्यान का समर्थन शिरोमणी कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल से करवाया गया। क्योंकि जत्थेदार के द्वारा कौम के नाम संदेश के बाद शिरोमणी कमेटी अध्यक्ष के साथ मीडिया को संबोधित करने का इतिहास भी नहीं रहा है, इसलिए दाल में कुछ काला लगता है।एक बात ओर जो शंका पैदा करती है, वो अमृतसर प्रशासन के द्वारा जत्थेदार के मीडिया संबोधन का निमंत्रण शिरोमणी कमेटी से पहले जारी करना है। लेकिन इतने बड़े मसाले पर अकाली दल के बड़े नेता अभी तक चुप हैं। हैरानी इस बात पर भी हैं कि जत्थेदार ने भारत सरकार के सिख विरोधी होने की बात कहीं थी, पर केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद हरसिमरत कौर बादल ने जत्थेदार के ब्यान पर कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी है।

जीके ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली से कटरा तक बनाए जा रहे एक्सप्रेस वे में अमृतसर तथा अन्य सिख गुरुधामों को शामिल करने की दी गई मंजूरी के लिए मोदी का धन्यवाद करते हुए बताया कि कांग्रेस की पंजाब सरकार ने पहले से प्रस्तावित रूट को बदलकर अमृतसर शहर को हटा दिया था। पर अब दुबारा से सिख भावनाओं की कद्र करते हुए केंद्र सरकार ने एक्सप्रेस वे के रूट में संशोधन करके शानदार कार्य किया है। अब नए रूट के साथ दिल्ली के सिख श्रद्धालु 5 सिख गुरूधामों सुलतानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, तरनतारन व अमृतसर के दर्शन इस एक्सप्रेस वे की सहायता से कर सकेंगे। साथ ही श्री करतारपुर साहिब काॅरिडोर से पाकिस्तान जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं को भी यह डेरा बाबा नानक तक पहुँचाएगा। तिलक और जनेऊ की रक्षा के लिए शहादत देने वाले गुरु तेग बहादर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व के मौके गुरु साहिब के महान तप स्थान बाबा बकाला साहिब तक पहुँचना भी सिख श्रद्धालुओं के लिए इस एक्सप्रेस वे के जरिए सुगम हो जाएगा। दिल्ली की संगत के लिए यह नायाब तोहफा है, जो गुरुघर जाने में समय व संसाधन दोनों बचाएगा।

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