हथियारों की होड़ में खूब लुटाया माल,
दुश्मन पर इनका कभी करोगे इस्तेमाल ?
करोगे इस्तेमाल या बस भण्डार भरोगे,
पड़े-पड़े बेकार हुए तो कहां धरोगे ?
दुष्ट पड़ोसी उकसाते, साहस दिखलाओ,
जंग खा रहे हथियारों को काम में लाओ।
कृष्ण गोपाल विद्यार्थी
देर न करो
--------------
आज़ादी के बाद भी क्यों हैं ये हालात,
खेतों को पानी नहीं, नदियों पर बरसात।
नदियों पर बरसात, छोड़ दो यह नादानी,
वरना सुनो,डुबो सकता है बाढ़ का पानी,
खतरे में है देश , न यूं बातों में टालो,
देर न करो, शीघ्र कोई उपचार निकालो।
बेबस है इन्सान
-------------------
एक तरफ भगवान है, एक तरफ विज्ञान।
इन दोनों के बीच में बेबस है इन्सान ।
बेबस है इन्सान, देखता ही रह जाता,
दोनों में से जब कोई अपनी पर आता।
वैज्ञानिक तो विध्वंसक प्रयोग कर रहे,
कुदरत की मनमानी से भी लोग डर रहे।
- कृष्ण गोपाल विद्यार्थी
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.