Thursday, December 31, 2020

राजकुमार प्रसाद ने कास्टिंग डायरेक्‍शन के क्षेत्र में बनाया उम्‍दा मकाम

 राजकुमार प्रसाद ने कास्टिंग डायरेक्‍शन के क्षेत्र में बनाया उम्‍दा मकाम


फ़िल्म हो या सीरियलउसमें जितनी अहम भूमिका निर्माता - निर्देशक की होती हैउतना ही महत्वपूर्ण भूमिका कास्टिंग डायरेक्‍टर की भी होती है। ऐसे ही एक कास्टिंग डायरेक्‍टर राजकुमार प्रसाद हैंजो भारतीय टीवी इंडस्‍ट्री के सबसे सीनियर कास्टिंग डायरेक्‍टर हैं और वे अब तक कुंडली भाग्य (धीरज धूपर)गुड्डन (कनिका मान)बहु बेगम (डायना खान)तेरा क्‍या होगा आलिया (हर्षद अरोड़ा) जैसे लोकप्रिय धारवाहिक के लिए कास्टिंग कर चुके हैं। बता दें कि राजकुमार प्रसाद उस समय से कास्टिंग डायरेक्‍टर हैंजब टेलीवीजन में ये कंसेप्‍ट भी नहीं था।

बिहार के नालन्दा जिले तेतरावां से आने वाले राजकुमार प्रसाद अपने हर काम को एक चाईलेंज के रूप में लेते हैं और उन्होंने हर बार यह साबित किया हैं कि उनके द्वारा की गई कास्टिंग सफल रही है। चाईलेंज से उन्हें प्यार है और खुद पर भरोसा हैजिससे वे अपने काम को बखूबी अंजाम दे जाते हैं। लेकिन ये सब उनके लिए इतना आसान नहीं था। मुम्बई किसी को आसानी से कुछ नहीं देतीवो भी जब आप देश के सुदूर दूसरे किसी छोटे से राज्य से आते हों। तब तो आपके लिए मुंबई में सर्वाइवल ही पहली चुनौती हो जाती हैजिसका सामना राजकुमार प्रसाद को भी करना पड़ा। उनके पिता किसान थेजिनके लिए फ़िल्म बर्बादी थी और वे चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर किसी सरकार महकमे में अधिकारी बने। लेकिन राजकुमार बचपन से फिल्मों के पीछे पागल थे। सो फ़िल्म देखने के चक्कर में कई बार पिता और चाचा के हाथों पिटाई भी हुई।

फिर भी फ़िल्म के प्रति उनका जुनून कम नहीं हुआ। दसवीं पास कर बिहार शरीफ आ गएजहां फ़िल्म देखना उनके लिए आसान हो गया। यहां सिनेमाघर में घुसकर यही सोचते थे कि ढाई घन्टे की क्लास है। उन्होंने थिएटर भी किये। बहरहालराजकुमार साल 1997  में मुंबई आ गएजहां उनको अनुमान से ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ा। किसी तरह छत तो मिलीपर काम नहीं। स्थिति विपरीत थीमगर बुलंद हौसलों ने उन्हें बिखरने नहीं दिया और वे डटे रहे। नतीजा उन्हें मशहूर निर्देशक आंनद महेंद्रू की साथ बतौर सहायक निर्देशक का काम मिल गया।

साल 2003 में राजकुमार UTV और सिद्धांत सिने विजन से जुड़कर काम शुरू कियामगर उनकी जिंदगी में बदलाव SAB के साथ जुड़कर आया। यहां उन्हें कास्टिंग डायरेक्टर की पहचान मिली और 12 सालों तक SAB के साथ काम किया। इसके बाद तो उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा और एक के बाद एक कई धारवाहिक के लिए सफलतापूर्वक कास्टिंग की। फिर वो भी समय आ गया जब एक सफल कॉस्टिंग डायरेक्टर के बाद उन्होंने एक और सपना देखा। क्योंकि उनका सफर किसी एक मंजिल के मोहताज नहीं थातो उन्होंने राजकुमार क्रिएशन की नींव रख दीजो मुख्यतः एक कास्टिंग एजेंसी है। इसका मुख्य उद्देश्य टीवी को लोकप्रिय और प्रतिभाशाली कलाकार देनाछुपी हुई प्रतिभा को उभरना व नए लोगों का सही मार्गदर्शन करना है।

इस बारे में राजकुमार प्रसाद का साफ कहना है कि राजकुमार क्रिएशन की सोच है कि हम अच्छे कलाकारों को अच्छे प्रोजेक्ट से जोड़े। उन्होंने कहा कि अगर आप में प्रतिभा हैतो कोई ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। इसी हौसले ने मुझे भी बिहार के एक साधारण से गाँव से निकाल कर आज मुंबई तक पहुंचा दिया है। 

शायद यही वजह है कि आज राजकुमार प्रसाद टीवी इंडस्ट्री में कास्टिंग के क्षेत्र में शीर्ष पर काबिज होकर बिहार को गौरवान्वित करते हैं। साथ ही बिहार के प्रतिभाशाली लोगों को प्रेरित भी करते हैं कि जहां चाह होती हैवहाँ ही राह है। जरूरत है अपने मजबूत इरादों के साथ हर विपरीत स्थिति में डटे रहने की।

 

 

  

 


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