Saturday, February 13, 2021

पत्रकारिता का अर्थ है सच्चाई को सामने लाना कलम की ताकत तलवार की धार से तेज़ होती है।

 9वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म की शुरुआत 

पत्रकारिता का अर्थ है सच्चाई को सामने लाना  
कलम की ताकत तलवार की धार से तेज़ होती है।

 

कोरोना काल में वैसे तो सभी लोगो ने अपनी सशक्त भूमिका निभाई है और देश के लोगों ने दिखा भी दिया की वो एक दूसरे से किस तरह जुड़े हुए है, खासकर मज़दूरों की मदद करना हो या डॉक्टर को प्रोत्साहित करना हो या एक दूसरे के घर में खाना भी पहुंचना हो यह सब बातें हमे देखने को नहीं मिलती अगर मीडिया इन परेशानियों व मदद को नहीं दिखाती। कोरोना काल ने हमे संगठित होना तो सिखाया और इस संगठन को दिखाने के लिए जर्नलिस्म ने बहुत अहम भूमिका निभाई, क्योंकि जर्नलिस्ट का कोई धर्म नहीं होता वो बस अपनी कलम का सिपाही होता है, वह आईना होता है जो सच्चाई को अपनी दूरदर्शिता से पहचान जाता है यह कहना था 9वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म में एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह का, उन्होंने आगे कहा की पत्रकारिता का अर्थ है सच्चाई को सामने लाना चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुडी हो, फिल्मों से या आम इंसान की परेशानियों से। इस वेबिनार में कई जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. सेठ, पलेस्टाइन एम्बेसी के मीडिया एडवाइजर एबेद एलराजे अबु जजेर, लिसोथो की हाई कमिश्नर लीनो मॉलिस माबूसेला, जर्नलिस्ट के. जी. सुरेश, शोभित यूनिवर्सिटी के चांसलर कुंवर शेखर विजेंद्र, ईरान एम्बेसी के कल्चरल कॉउन्सिल मोहम्मद अली रब्बानी और मोबाइल एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन भूपेश रसीन शामिल हुए। 
लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. सेठ ने कहा कि कोरोना में मीडिया ने विश्वसनीयता का जो परिचय दिया है वो अतुलनीय है क्योंकि उसने बिना वक़्त देखे हर खबर से लोगों को रूबरू करवाया है, ग्लोबल जर्नलिस्म फेस्टिवल उन सभी जर्नलिस्ट को सल्यूट करता है जिन्होंने इस बुरे समय में भी अपनी ड्यूटी को अच्छे से निभाया।मोहम्मद अली रब्बानी ने कहा की पिछले दिनों डिजिटल मीडिया ने जो भूमिका निभाई है उसे में सलाम करता हूँ, डिजिटल मीडिया ने सभी देशों को मुश्किल घड़ी में एक साथ लाने कि कोशिश की है और एक सेतु का काम किया है। लीनो मॉलिस ने कहा कि मीडिया एक ऐसी पावर बन चुका है जो किसी को भी अर्श और फर्श दिखा सकता है और एक दूसरे को जोड़ भी सकता है पर हमारी कोशिश यही होनी चाहिए की हम सच्चाई को दिखाए क्योंकि कलम की ताकत तलवार की धार से तेज़ होती है। पहले दिन के दूसरे वेबिनार में स्लोवेनिया के राजदूत मेरजन सेन्सेन, एक्टर मुकेश त्यागी, एडिटर आर. पी. रघुवंशी और तीसरे वेबिनार में फेरिस एंटरटेनमेंट के फाउंडर पीटर फेरिस, फिल्म मेकर नरेंद्र गुप्ता, फिल्म डायरेक्टर प्रीति त्रिपाठी ने भाग लिया। 

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