Wednesday, March 10, 2021

चुनाव जीतने के लिए नोट और शराब नहीं बांटेगे हमारे उम्मीदवार: जीके



नई दिल्ली (7 मार्च 2021): दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आम चुनाव के लिए आज जागो पार्टी ने पार्टी उम्मीदवार की पहली सूची जारी की। जागो के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने पार्टी के मुख्य दफ्तर में कार्यकर्ताओं के खचाखच भरे समूह को सम्बोधित करते हुए कमेटी चुनाव के नतीजे हैरानीजनक रहने का दावा किया। जीके ने कहा कि दिल्ली की 3 परम्परागत पार्टीयों में सबसे पहले पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान करके हमने अपनी तैयारियों के बारे संगतों को अवगत करवा दिया है। सिर्फ 16 महीने पुरानी पार्टी द्वारा पूरी दिल्ली में सबसे पहले 46 सीटों पर सर्कल प्रधानों की घोषणा करने के बाद आज हम 15 उम्मीदवारों का ऐलान कर रहे हैं। जिसमें 2 पीएचडी तथा 2 महिला उम्मीदवार शामिल हैं।

जीके ने 1979 में शिरोमणी अकाली दल से बाहर निकालने के बाद जत्थेदार संतोख सिंह के द्वारा अपनी अलग पार्टी बना कर दिल्ली कमेटी का चुनाव लड़ते हुए 46 में से 23 सीटें जीतने की घटना को याद किया। जीके ने कहा कि जत्थेदार जी के समय अकाली दल के प्रतिनिधी केन्द्र सरकार में थे, पंजाब में प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे और अकालीयों के साथी जनसंघ के पास नगर परिषद थी। फिर भी जत्थेदार संतोख सिंह ने अकाली राजनीति को हैरान करने वाले नतीजे दिए थे। जीके ने 1979 का इतिहास 2021 में दोहराने की उम्मीद जताते हुए कहा कि अकाली दल का आज भी भारतीय जनता पार्टी के साथ अंदरखाते गुप्त समझौता है। परन्तु दिल्ली की संगत का आशीर्वाद हमारे साथ रहेगा। जीके ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हमारी पार्टी का कोई भी उम्मीदवार ना नोट बांटेगा और ना ही शराब बांटेगा। जिसने नोट और शराब के बदले वोटें डालनी है, मेहरबानी करके वो जागो के उम्मीदवार को वोट ना डाले। यदि हमारे किसी उम्मीदवार ने नोट और शराब बांटने की गलती की तो उसकी टिकट रद्द करने में हम एक मिनट की देरी नहीं करेंगे।

जागो द्वारा जारी की गई सूची में संतगढ़ वार्ड से पार्टी के दिल्ली स्टेट अध्यक्ष चमन सिंह, टैगोर गार्डन से पार्टी के प्रधान महासचिव परमिन्दर पाल सिंह, ख्याला वार्ड से दिल्ली कमेटी सदस्य हरजिन्दर सिंह, कनाॅट प्लेस वार्ड से शमशेर सिंह संधू एवं प्रीत विहार वार्ड से मंगल सिंह पूर्व दिल्ली कमेटी सदस्य, राजौरी गार्डन वार्ड से पार्टी के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बलदीप सिंह, रमेश नगर वार्ड से यूथ कौर ब्रिगेड की दिल्ली स्टेट अध्यक्ष अवनीत कौर भाटिया, शक्ति नगर वार्ड से कौर ब्रिगेड की संयोजक हरप्रीत कौर, पीतमपुरा वार्ड से तरनजीत सिंह रिंकू, हरी नगर वार्ड से परमजीत सिंह मक्कड़, शाम नगर वार्ड से नत्था सिंह, तिलक नगर वार्ड से कंवलजीत सिंह जौली, विकास पुरी वार्ड से जगदेव सिंह, सफदरजंग एन्क्लेव से सतनाम सिंह खीवा एवं गीता काॅलोनी वार्ड से कुलविंदर सिंह शामिल हैं। इस अवसर दौरान जागो के सरपरस्त डाक्टर हरमीत सिंह एवं जीके ने पार्टी उम्मीदवारों को सिरोपा एवं पार्टी का पटका डाल कर जीत का आशीर्वाद दिया।
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राजनाथ सिंह से जीके ने की मुलाकात

किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी केस वापस लेने की केंद्र सरकार से मांग की

नई दिल्ली (7 मार्च 2021) 
पुणे तथा मथुरा छावनी क्षेत्र के गुरद्वारों में सेना अधिकारियों की गैरजरूरी दखलअंदाजी के मामले में आज जागो पार्टी के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह से मुलाकात की तथा ज्ञापन सौंपा। साथ ही किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी केस वापस लेने की केंद्र सरकार से मांग की है। जीके ने बताया कि मेरा ध्यान पुणे तथा मथुरा छावनी क्षेत्र की सिख संगत ने स्थानीय गुरुद्वारा साहिबानों में सेना अधिकारियों की गैर जरूरी दखलअंदाजी की तरफ अपने ज्ञापन देकर दिलवाया हैं।  सिख कौम के धार्मिक स्थलों पर सेना अधिकारियों की आपत्तिजनक कार्रवाई सिखों का मनोबल गिराने वाली हैं। एक तरफ चीन व पाकिस्तान की सीमाओं पर सिख फौजियों के द्वारा दिखाई जाती बहादुरी और कर्तव्य परायणता प्रत्येक सिख का सीना चौड़ा कर देती हैं। पर दूसरी तरह देश हितों के लिए समर्पित सिख कौम के छावनी क्षेत्र में बने धार्मिक स्थलों के साथ अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों की तरह बराबरी का व्यवहार सेना अधिकारियों के द्वारा ना किए जाने की आती खबरें बेहद परेशान करने वाली तथा सिखों को दुसरे दर्जे का नागरिक महसूस करवाने के साथ ही गुरुद्वारों के प्रति नफरत की भावना का अहसास कराने वाली प्रतीत होती हैं।

जीके ने बताया कि पुणे के यरवदा छावनी क्षेत्र में गुरुद्वारा दशमेश दरबार 1959 में लगभग 30000 वर्ग फुट पर  स्थापित हुआ था। इसके आसपास सिखों ने अपनी जमीन खरीद करके अपने घर बनाए हुए हैं। लेकिन समय-समय पर सेना अधिकारी गुरुद्वारा दशमेश दरबार को हटाने की कोशिश करते रहे हैं। जिसकी लिए गुरुद्वारा कमेटी ने अदालत से लेकर सरकार तथा सियासी नेताओं तक पहुंच भी की हैं। लेकिन मामला हल नहीं हुआ। हालांकि 5 मार्च 2017 को छावनी की प्रमुख जमीनों में से मुस्लिम तथा दाउदी बोहरा समुदाय को अपने प्रियजनों के मृतक शरीरों को दफनाने के लिए वानोवरी, पुणे में 1 एकड़ जमीन दी गई है, पर गुरुद्वारा साहिब की 30000 वर्ग फुट जमीन का विवाद नहीं निपटाया जा रहा है।

इसी तरह मथुरा छावनी क्षेत्र में बने गुरुद्वारा साहिब के निर्माण की नींव सिख संगत ने अपने खर्च पर ब्रिटिश सरकार के समय 5 दिसंबर 1936 को रखी थी। 2016 तक गुरुद्वारा साहिब का रखरखाव व प्रबंधन सिख संगत के पास था, परन्तु 2016 से सुरक्षा का हवाला देकर गुरुद्वारा साहिब को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है। हालांकि स्थानीय सांसद श्रीमती हेमा मालिनी की कोशिश से 12 नवंबर 2019 को गुरु नानक साहिब जी के 550वें प्रकाश पर्व पर 1 हफ्ते के लिए गुरुद्वारा साहिब को खोला गया था। भाई घन्हैया जी सेवक जत्थे ने बड़ी कोशिशें की किसी तरह से गुरुद्वारा साहिब खुल जाए तथा गुरुद्वारा साहिब में मौजूद गुरु ग्रंथ साहिब जी के 2 पवित्र स्वरूपों की सेवा संभाल सिख रहता मर्यादा के अनुसार हो सके, परन्तु सेना अधिकारियों की हठधर्मिता तथा अन्य धार्मिक स्थलों की तरह गुरुद्वारा साहिब को बराबरी की नजर से ना देखने की वजह से गुरुद्वारा साहिब बंद हैं। राजनाथ सिंह ने मामलों के हल का भरोसा दिया है।

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