Thursday, June 17, 2021

हरियाणा में नगर निकायों द्वारा दुकानों/घरों की बिक्री के लिए तैयार की गई नीति- शहरी स्थानीय निकाय मंत्री

 


इच्छुक पात्र कब्जाधारियों को वेब पोर्टल पर ऑनलाइन करना होगा आवेदन- शहरी स्थानीय मंत्री 

चण्डीगढ़, 16 जून- हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री अनिल विज ने बताया कि राज्य सरकार ने नगर निकायों की संपति पर कब्जाधारकों को मालिकाना हक देने के लिए एक नीति तैयार की है। इस नीति के अंतर्गत उन्हें कब्जा की हुई संपति का मालिकाना हक देने के लिए संबंधित संपति के कलैक्टर रेट में अधिकतम 50 प्रतिशत तक की छूट भी दी जाएगी। यह नीति 1 जुलाई, 2021 से लागू हो जाएगी।

          ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि इस नीति का लाभ लेने के इच्छुक पात्र कब्जाधारी को वेबपोर्टल पर निगम के संबंधित आयुक्त/कार्यकारी अधिकारी/संबंधित नगर निकाय के सचिव को एक महीने के भीतर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

         श्री विज ने बताया कि इस नीति के तहत आने वाले कब्जाधारियों की सुविधा के लिए एक वेबपोर्टल का डिजाइन किया जा रहा है जोकि आगामी 20 जून, 2021 तक तैयार हो जाएगा क्योंकि इस नीति के तहत बड़े पैमाने पर कब्जाधारियों के शामिल होने की संभावना है।

         शहरी स्थानीय मंत्री श्री विज ने बताया कि इस नीति के तहत शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कब्जाधारियोंजो 20 साल से अधिक समय से किरायालीज अथवा लाइसेंस फीस पर संपत्ति पर काबिज है उनके लिए हरियाणा सरकार मालिकाना देने का काम कर रही है। इन कब्जाधारियों को संपति की डीड हेतू वर्तमान कलेक्टर रेट पर अधिकतम 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

         श्री विज ने बताया कि जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपति को 20 वर्ष से अधिक परंतु 25 वर्ष से कम की अवधि हो गई हैउन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलैक्टर रेट का 80 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। इसी प्रकारजिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपति को 25 वर्ष से अधिक परंतु 30 वर्ष से कम की अवधि हो गई हैउन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलैक्टर रेट का 75 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। ऐसे हीजिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपति को 30 वर्ष से अधिक परंतु 35 वर्ष से कम की अवधि हो गई हैउन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलैक्टर रेट का 70 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।

         शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपति को 35 वर्ष से अधिक परंतु 40 वर्ष से कम की अवधि हो गई हैउन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलैक्टर रेट का 65 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। इसी तरहजिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपति को 40 वर्ष से अधिक परंतु 45 वर्ष से कम की अवधि हो गई हैउन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलैक्टर रेट का 60 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। उन्होंने बताया कि जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपति को 45 वर्ष से अधिक परन्तु 50 वर्ष से कम की अवधि हो गई हैउन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलैक्टर रेट का 55 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।

         श्री विज ने बताया कि जिन कब्जाधारियों के पास ऐसी संपति को 50 वर्ष से अधिक की अवधि हो गई हैउन्हें संबंधित श्रेणी की संपति के कलैक्टर रेट का 50 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।

क्रमांक-2021


 

 

चण्डीगढ़, 16 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में सडक़ों पर हादसों में घायल होने वाले बेसहारा गोवंश के उपचार व देखभाल के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग सभी जिलों में एक-एक अस्पताल की व्यवस्था करे। इस अस्पताल में केवल चोटिल गोवंश का उपचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह बात आज यहां हरियाणा गोसेवा आयोग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कही। इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री जयप्रकाश दलाल एवं हरियाणा गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्रवण कुमार गर्ग भी उपस्थित रहे।

श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला स्तर पर किसी एक अस्पताल में गोवंश के उपचार व देखभाल की समर्पित व्यवस्था होनी चाहिए। यहां पर कम से कम 50 गोवंश को रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर यह व्यवस्था किसी अस्पताल में संभव न हो तो आस-पास एक गोशाला में भी यह अस्पताल स्थापित किया जाए। जहां उपचार की व्यवस्था सरकारी पशु चिकित्सक की देखरेख में होगी।

         हरियाणा गोसेवा आयोग के विभिन्न कार्यों एवं नए प्रकल्पों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोशालाओं को जारी होने वाला अनुदान गोसेवा आयोग की अनुशंसा पर दिया जाना चाहिए। गोवंश के कल्याण के लिए हरियाणा गोसेवा आयोग समर्पित भाव से कार्य कर रहा है। उन्होंने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात कहते हुए अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि इस दिशा में कार्ययोजना तैयार की जाए जिससे गोशालाओं की आमदनी भी बढ़ सके।

         उन्होंने गोशालाओं को प्राकृतिक खेती के साथ जोडऩे के लिए भी योजना तैयार करने के निर्देश दिए। हरियाणा गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग ने आयोग के विभिन्न कार्यों की मुख्यमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 331 गोशालाओं में सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं तथा 229 गोशालाओं में सोलर प्लांट लगाने की प्रक्रिया जारी है।

         हरियाणा गोसेवा आयोग की समीक्षा बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्तामुख्यमंत्री के रिसोर्सेज मोबीलाइजेशन सेल के एडवाइजर योगेंद्र चौधरीपशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव विकास यादवमहानिदेशक डा. बी.एस. लौरा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे ।

क्रमांक-2021



                         

चंडीगढ़, 16 जून- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि ई-व्हीकल’ (बिजली से चालित वाहन) निर्माण के क्षेत्र में भी हरियाणा पूरे देश में अग्रणी बनेइसके लिए एक विशेष कलस्टर तैयार करने पर विचार किया जा रहा है।

         डिप्टी सीएमने यह जानकारी आज यहां ई-व्हीकल पोलिसी’ गठन को लेकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा कार निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात करने के बाद दी। इस अवसर पर हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमारमहानिदेशक श्री साकेत कुमारपरिवहन आयुक्त श्री अमिताभ ढिल्लो समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

         उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में मारूति सुजुकि इंडिया लिमिटेड,हीरो कॉरपोरेट सर्विसिज लिमिटेडजेबीएम ग्रुपमिंडा ग्रुपहोंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड,अमारा राजा ग्रुपमहिंद्रा इलैक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड,एथर एनर्जीमैसर्ज एस्कॉर्ट लिमिटेडनेसकॉमफिक्कीएसोचैमरूचि ग्रीन अर्थ समेत विभिन्न प्रसिद्घ कंपनियों व संगठनों के प्रतिनिधियों ने हरियाणा सरकार द्वारा ई-व्हीकल पोलिसी’ के तैयार किए गए ड्राफ्ट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अदभूत पोलिसी है जिससे हरियाणा राज्य ऑटोमोबाइल की तरह ई-व्हीकल’ निर्माण के क्षेत्र में भी अग्रणी साबित होगा। इन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव भी दिए।

         श्री दुष्यंत चौटाला ने उक्त कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों को राज्य सरकार की प्रस्तावित ई-व्हीकल पोलिसी’ के लिए अहम बताया और कहा कि इस पोलिसी को अंतिम रूप देते वक्त उक्त सुझावों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

         उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का विचार है कि प्रदेश के सरकारी विभागों में अधिक से अधिक ई-व्हीकल्स’ का प्रयोग किया जाए तथा चंडीगढ़पंचकूलागुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ अन्य शहरों में भी बड़े व छोटे सचिवालयों में ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएं। उन्होंने बताया कि बागवानी जैसे क्षेत्र में भी ई-ट्रैक्टर का प्रयोग किया जा सकता हैइसके लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

क्रमांक-2021

जंगबीर सिंह




चंडीगढ़, 16 जून- हरियाणा सरकार के आत्मनिर्भर हरियाणा’ अभियान में आज उस वक्त एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गई जब हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने डिपो-होल्डरों के माध्यम से ब्रांडिड एफएमसीजी कंपनियों (फास्ट-मुविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) का सामान उचित दामों पर बिक्री करने की योजना की पायलट शुरूआत की गई। इस पायलट योजना में सिरसाफतेहाबादकरनाल यमुनानगरऔर पंचकुला ज़िलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में ट्रायल सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। प्रदेश के डिपो-होल्डरों के माध्यम से राज्य के ग्रामीण एसबीआई बैंक की कुछ सेवाओं का लाभ भी सहजता से ले सकेंगे।

 उपमुख्यमंत्रीजिनके पास खाद्यनागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का प्रभार भी हैने आज यहां कान्फेड के तीन प्रोजेक्ट्स की शुरूआत की । ये तीनों ही ग्रामीण हरियाणा के लोगों के हित में एक ऐतिहासिक कदम है। इस अवसर पर जहां कान्फेड के प्रबंध निदेशक श्री आर.एस ढिल्लो व उपमुख्यमंत्री के ओएसडी श्री कमलेश भादु उपस्थित थेवहीं वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्यनागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी तथा डाबर इंडिया लिमिटेडहिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेडमैरिको लिमिटेडकोका-कोला कंपनीएल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और एसबीआई के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य कान्फेड के माध्यम से प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना हैजिसमें गांव के गरीब लोगों तक राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) द्वारा बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियांस्वयं सहायता समूह और अन्य विनिर्माण कंपनियों द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुओं को वाजिब दर पर बिक्री करना है। सरकार की इस योजना जहां से राज्य में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रदेश के पांच जिलों यमुनानगरसिरसाकरनालफतेहाबाद और पंचकुला में सप्ताह के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा हैजिसमें 140 एफपीएस के मालिक डाबर इंडिया लिमिटेडहिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेडमैरिको लिमिटेडकोका-कोला कंपनीएल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के उत्पादों को बेचेंगे। इससे एफपीएस मालिकों के राजस्व में वृद्धि होगी।

डिप्टी सीएम ने बताया कि कान्फेड भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोग से एफपीएस में ही एक ग्राहक सेवा बिंदु (सीएसपी) स्थापित करेगा जो बैंक द्वारा संचालित वित्तीय सेवाओं का विस्तार करने में सहायता करेगा। चयनित एफपीएस मालिक एसबीआई के खुदरा विक्रेता के रूप में कार्य कर सकेंगे। ये एफपीएस मालिक ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेंगे जिसके बदले में उनको कमीशन प्राप्त होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत आज ही दो जिलों सिरसा और करनाल में पायलट प्रोजेक्ट किया शुरू किया गया।

उपमुख्यमंत्री ने सी-एसएमआरटी (कान्फेड-सर्विलांसमॉनिटरिंगरियल-टाइम) नामक एक नया ऑनलाइन मोबाइल एप्लिकेशन भी लांच किया। यह एप निर्धारित समय में सार्वजनिक वितरण से जुड़े लॉजिस्टिक्स को बनाए रखने और ट्रैक करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि इससे पीडीएस से जुड़ी वस्तुओं की पारदर्शिता और सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि इन प्रोजेक्ट्स से जहां डिपो-होल्डरों को वित्तिय लाभ होगा वहीं आम जनता को काफी लाभ होगा।
उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के दौरान कॉन्फेड हितधारकों और ग्राहकों को होने वाले लाभ की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगीअगर ये प्रोजेक्टस अनुकूल रहे तो इनको पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
क्रमांक-2021
जंगबीर सिंह
   

 

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.