उम्र के अंतिम पडाव पर भी भीख मांगनी पडे, ऐसे देश में मानवअधिकार सुरक्षित नहीं। सरकारे व प्रशासन अगर सब देखते हुए भी आंखें मूंदने लगें तो वैश्विक स्तर पर ह्यूमन राइटस की बात करने का हक नही है ऐसे नेताओ को। किस शहर में चौराहों पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक भीख मांगते नहीं देखे जाते। इस विषय मे कानून क्या कहता है, सब जानते है। वो सुधार की प्रक्रिया आखिर कब लागू होगी। सफेदपोश नेता हों या मोटी खाल वाले कुर्सियों पर जमे बैठे अधिकारी, इन सबको जगाना होगा। और ये काम कोई एक व्यक्ति या एनजीओ नहीं कर सकती। आप सब का साथ जरुरी है- आईए जुडे विश्व स्तर के एक ओर्गेनाइजेशन से जो आपकी और इनकी बात को विश्व पटल पर रखने की हिम्मत रखता है।
World Human Rights Organization. Whatsapp 7011490810
(Limited Membership with rules an T&C)
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