Friday, July 30, 2021

पत्रकारिता से ह्यूमन राइटस एक्टिविस्ट बनने का सफर : योगराज शर्मा


 पत्रकारिता में 28 साल.... दैनिक भास्कर, हिंदुस्तान जैसे अखबारो का अनुभव, टीवी की दुनिया में सहारा टीवी, इंडिया न्यूज, इंडिया न्यूज हरियाणा, ए2जेड चैनल, हरियाणा न्यूज, एमएच1 चैनलो में संपादक बनने का दौर... फिर अपना प्रोडक्शन हाउस, अपना मीडिया हाउस जिसमें मीडिया इंस्टीट्यूट, आज की दिल्ली अखबार व कई ओनलाइन चैनल्स और साथ साथ करीब तीन साल पहले शुरुआत हुई समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य करने की। आलंबन चेरीटेबल ट्रस्ट और फिर वर्ल्ड ह्यूमन राइटस ओर्गेनाइजेशन का सफल संचालन। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकारों की चर्चा से जागरुकता तक... मानव अधिकारों का हनन करने वाली सरकारों और प्रशासन से उलझना और पीडितों को न्याय दिलाला। जनता की आवाज को गूंगी बहरी सरकारों तक पहुंचाना ही पहले भी मकसद था आज भी है। न जाने और कितना जीवन बचा हो, मानवता की सेवा के इस कार्य में ही लगाना है। किसी ने ठीक कहा है सच्चाई से काम करते जाओ, लोग खुद ब खुद जुडते जाएंगे। कुछ ऐसा ही चल रहा है। लेकिन चुनौती है स्वार्थी तत्वों को दूर रखना, सेवा भाव वाले लोगों का चुनाव करना। उन्हें जोडना। कुछ लोग तो ऐसे भी आते है जो बडी बडी अंतरराष्ट्रीय बातें करते है और नतीज शून्य निकलता है। ऐसे बयानवीर और भी मिलेंगे, निपटेंगे। लेकिन सच का साथ देने वालों की कमी नही है। महिलाएं तो इस मामले में पुरुषों से आगे हैं। ओर्गेनाइजेशन से जुडने वालो में किसी भी राज्यो में पढी लिखी, कर्मठ और योग्य महिलाओं का योगदान काबिले तारीफ रहा है। कुछ लोगो को शिकायत रहती है कि उन्हें रिजेक्ट क्यो कर दिया गया, बता दूं कि वर्ल्ड ह्यूमन राइटस ओर्गेनाइजेशन में सदस्यो का चुनाव बोर्ड करता है। आप नोमिनेशन भेजिए, चुना जाएगा और योगय्ता हुई तो आप हमारे साथ होंगे। लोग भले ही थोडे हों, भीड नहीं चाहिए, काम करने वाले और मानवता की सेवा करने वाले लोग चाहिए। बाकि सब ईश्वर के हाथ है। कर्म करना हमारा धर्म है। कर रहे है.. बिना फल की चिंता व इच्छा किए हुए

आभार, योगराज शर्मा, चेयरमैन, वर्ल्ड ह्यूमन राइटस ओर्गेनाइजेशन, इंडिया

व्टसअप हेल्पलाइन 7011490810

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