Friday, October 8, 2021

त्यौहारों से पहले आम आदमी पर जीडीपी मंहगाई का ट्रिपल अटैक

 त्यौहारों से पहले आम आदमी पर जीडीपी मंहगाई का ट्रिपल अटैक - जीडीपी (गैस डीजल पेट्रोलकी दरों मे बेतहाशा बढ़ोत्तरी- अनिल भारद्वाज


उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए दिल्ली सरकार पेट्रोल डीजल पर वेट की दरें उतनी कम करे जितनी 2013 में कांग्रेस शासन में थी। - - अनिल भारद्वाज


अरविन्द केजरीवाल सरकार दिल्ली में प्रदूषण के कारण नहीनिवारण बताऐ?-- अनिल भारद्वाज



नई दिल्ली, 7 अक्टूबर, 2021 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार और दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार कोविड की मार से त्रस्त दिल्लीवासियां को त्यौहारों के सीजन में भी राहत देने की बजाय लगातार पेट्रोलडीजलरसोई गैस के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी करके अमानवीय और गैरजिम्मेदाराना रवैये का परिचय दे रही है।  श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। उन्होंने कहा कि 69000 करोड़ के बजट के साथ दिल्ली सरकार के पास सरप्लस बजट हैजबकि कांग्रेस की दिल्ली सरकार के पास 37400 करोड़ कुल बजट था।  केजरीवाल सरकार को मानवीय आधार पर पेट्रोल और डीजल पर उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए वेट में कटौती करने के लिए नीति बनाकर 2013 की कांग्रेस सरकार के आधार पर वेट लागू करना चाहिएजिससे दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की दरों में राहत मिल सके। कांग्रेस शासन में 2013 में पेट्रोल पर वेट 20 प्रतिशत और डीजल पर 12.5 प्रतिशत वसूला जाता है जबकि वर्तमान में केजरीवाल सरकार पेट्रोल पर वेट 30 प्रतिशत और डीजल पर वेट 16.75 प्रतिशत वसूल रही है।


संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि पेट्रोलडीजल और सीएनजी के दाम बढ़ाने का सीधा असर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पड़ता है जिससे घरेलू इस्तेमालफलसब्जियां और रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम सीधे तौर पर बढ़ने के कारण गरीब आदमी जेब पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और दिल्ली की सरकार की नीति और नियत में साफ नही होने कारण देशवासियां पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है जबकि केन्द्र सरकार ने पिछले सालों में 23.25 लाख करोड़ रुपये और केजरीवाल सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये पेट्रोलियम पदार्थों पर राजस्व एकत्रित किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी गरीब विरोध नीति के तहत रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है जबकि बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी के कारण घटती आमदनी से दिल्ली के गरीबमध्यम वर्गनिम्न वर्ग और मजदूर वर्ग की अजीविका पूरी तरह से प्रभावित हुई है।


श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर 15 रुपये की वर्तमान बढ़ोतरी के साथ 899.50 रुपये हो गया है जबकि एक साल में 205 रुपये की बढ़ोतरी हुई जबकि 2014 कांग्रेस शासन में एलपीजी के दाम 414 रुपये थेजबकि नवम्बर 2020 से रसोई गैस के दाम 594 रुपये प्रति बढ़ाकर गृहणी की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ने वर्षों में रसोई गैसपेट्रोलडीजल के दाम दुगने से भी अधिक कर दिए है।


श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि आज दिल्ली में पेट्रोल 102.94 रुपये और डीजल 91.42 रुपये पहुॅच गया है जबकि सीएनजी की दर 2.55 रुपये प्रति किलो और पीएनजी की कीमत 2.10 रुपये प्रति घन मीटर की बढ़ोत्तरी के साथ सीएनजी 47.48 रुपये और पीएनजी 33.01 रुपये प्रति यूनिट हो गई है। उन्होंने कहा कि सीएनजी के दाम बढ़ने पर ऑटो रिक्शा चालक भी ऑटो रिक्शा की दरों में बढ़ोतरी की मांग करे जबकि सत्ता प्राप्ति से पहले केजरीवाल ने ऑटो रिक्शा चालकों के हितों की रक्षा करने का वायदा किया था।  उन्होंने कहा कि केवल अक्टूबर महीने के दिनों में बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाऐ गए।

श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविन्द केजरीवाल द्वारा 29 मार्च, 2021 को दिल्ली के मकान मालिकां से की गई अपील पर कहा कि दिल्ली सरकार मकान मालिकों को राहत देने की बजाय केवल बयान बाजी ही करती है जबकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस महामारी के दौर में मकान मालिक किराऐदारों से 1-2 महीने का किराया न ले दिल्ली सरकार आने वाले समय में उन्हें राहत देगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल राजस्व एकत्रित करके मुनाफा कमा रहे है और वायदा करने के बाद भी दिल्ली की जनता को किसी प्रकार की राहत नही दे रहे है।


श्री अनिल भारद्वाज ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण करने का स्थायी हल निकालने की बजाय दिल्ली सरकार धूल कणों से होने वाले प्रदूषण मुख्य तौर पर दिल्ली में प्रदूषण का कारण बता रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री को दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारण वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कोई कारगर नीति बनाई जानी चाहिए जिसकी प्रदूषण में 41 प्रतिशत की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली को क्लीन फयूल के रुप में सीएनजी दी पर्यावरण दूषित न हो इसके लिए साथ-साथ ग्रीन बैल्ट को भी बढ़ाने का काम किया। श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि प्रदूषण का हल बयान बाजी से नही सार्थक नीति बनाने से होगापरंतु केजरीवाल लगातार दिल्लीवासियों को बेवकूफ बनाने के लिए कभी सूत्री कार्यक्रम कभी 10 सूत्री कार्यक्रमों की घोषणा करके गुमराह कर रहे है। उन्होंने कहा आज गोपाल राय द्वारा पत्रकारों को प्रगति मैदान के नजदीक भवन निर्माण का दौरा करके उसे डस्ट प्रदूषण का कारक बताना एक औछी राजनीति का उदाहरण है। उन्हांने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री कभी पराली को प्रदूषण का दोषी मानते है कभी किसानों को गुनाहगार साबित करते हैकभी पराली गलाने के घोल का उदाहरण पेश करते है। केजरीवाल सरकार ने पिछले सात वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई भी सार्थक कदम नही उठाया।

 

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