Saturday, November 20, 2021

गुरु साहिब की रहमत के चलते सरकार ने तीन कृषि कानून वापिस लेने का फैसला किया: मनजिंदर सिंह सिरसा

दिल्ली की संगत ने किसान मोर्चे के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापिस लेने का फैसला प्रंशसनीय: हरमीत सिंह कालका नई दिल्ली, 19 नवंबर: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा पहली पातशाही साहिब श्री गुरु नानक देव जी का 552वां प्रकाश पर्व आज पूरी श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर कमेटी के गुरुद्वारा साहिबान में सुबह से ही कीर्तन दरबार सजाये गए जिसमें रागी सिंह ने गुरबाणी कीर्तन संगतों को श्रवण करवाया। बड़ी संख्या में संगत आज गुरुघरों में नतमस्तक हुई और गुरु साहिब का आर्शीवाद प्राप्त किया। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के लख्खीशाह वणजारा हॉल में विशेष समागम आयोजित किया गया जहां कोरोना काल में सेवाएं देने वाले सभी वॉलंटियर्स का सम्मान किया गया। यहां भाई चमनलाल जी व अन्य रांगी सिंहों के जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। समागम को संबोधित करते हुए कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने संगत को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि आज महान गुरु साहिब का प्रकाश दिवस है जिन्होंने अंधकार में डूबी हुई मानवता को प्रकाश का मार्ग दिखाया था। ठीक इसी प्रकार आज भारत सरकार ने भी प्रकाश दिवस पर तीन कृषि कानून वापिस लेने का ऐलान किया है जो गुरु साहिब की रहमत की बदौलत संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पवित्र दिवस पर यह खुशखबरी देशवासियों को दी है। चाहे लोगों के लिए कानून वापिस हुए हैं पर एक सिख के लिए अकाल पुरख प्रमात्मा के आगे अरदास स्वीकार हुई है और सिखी के प्रण की जीत हुई है। सिखों ने ही प्रण किया था कि जब तक जीत नहीं होती वापसी नहीं होगी। जब सिखों द्वारा गुरु चरणों में अरदास की जाती है तो फिर दुनिया की कोई ताकत सिखों को मार्ग से विचलित नहीं कर सकती। हालांकि किसी को झुकाना हमारा मकसद नहीं था हमनें तो केवल इन्साफ के लिए आवाज़ बुलंद की थी। यह जीत गुरु नानक देव जी ने स्वयं कृपा करते हुए सेवकों की झोली में डाली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की संगत का खेती से कोई संबंध नहीं है पर इसके बावजूद भी दिल्ली की संगत ने बार्डर पर डटे किसानों के संघर्ष में बढ़-चढ़ कर सेवा की है। संगत के सहयोग के कारण ही दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने पहले दिन से ही बार्डर पर लंगर की सेवा शुरु की जो निरंतर जारी है। उन्होंने लंगर सेवा करने वाले सेवादारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कौम के असली हीरे हैं। कोरोना काल में लोगों की सेवा करने वालों की प्रशंसा करते हुए स. सिरसा ने कहा कि दुनिया भर में पवित्र आत्माएं बैठी हैं। दुनिया भर की अनेक संगतों ने कोरोना काल में स्वयं आगे आकर मानवता की सेवा की है। मानवता की सेवा के लिए लोगों ने हमेशा बढ़-चढ़ कर दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी का भरपूर साथ दिया। इस दौरान संबोधित करत हुए कमेटी के महासचिव स. हरमीत सिंह कालका ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापिस लेने का फैसला प्रंशसनीय है। इस संघर्ष के प्रारंभ से ही शरारती तत्वों द्वारा भरपूर कोशिश की गई पर यह गुरु साहिब की रहमत व कृपा थी जिसकी बदौलत आंदोलन कायम रहा और आज गुरुपर्व के शुभ दिवस पर केन्द्र सरकार ने तीन कृषि कानून वापिस लेने का फैसला किया है। समागम में कोरोना काल में सेवाएं देने वाली सभी शख्सीयतों का सिरोपा डाल कर सम्मान किया गया। मुख्य संवाददाता, योगराज शर्मा वटसअप - 7011490810 आज की दिल्ली, नेशनल ओनलाइन मैग्जीन (आज की दिल्ली अखबार भी वर्ल्ड ह्यूमन राइटस ओर्गेनाइजेशन समूह का ही एक पब्लिकेशन है)

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