Sunday, February 20, 2022

गुरु रविदास जी के एकता व भाईचारे के संदेश सदैव प्रासंगिक रहेंगे- सैलजा

चंडीगढ़, 16 फरवरी हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि गुरु रविदास जी ने समाज की भलाई को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। उन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन सामाजिक एकता के लिए कार्य करते रहे। जो समाज के लिए काम करता है वह निश्चित ही ऊंचा पद प्राप्त करता है। गुरू रविदास जी इसके उदाहरण हैं। उन्होंने निस्वार्थ समाज सेवा की, इसलिए आज हम उनको याद कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ियों तक उनके एकता व भाईचारे के संदेश प्रासंगिक रहेंगे। यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने करनाल के सदर बाजार स्थित श्री गुरु रविदास मंदिर में संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते कहीं। कुमारी सैलजा ने गुरु रविदास जी के जीवन और विचारों को याद किया और सभी को गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं दी। उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब से भाजपा सरकार आई है दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं, विकास के कार्य भी रुक गए हैं। राज्य में अनुसूचित आयोग न होने का जिक्र करते हुए उन्होंने भाजपा सरकार की मानसिकता पर भी सवाल उठाए। कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में वंचित व शोषित वर्गों के लिए अनेक कार्य किए व कानून बनाए। जिससे दलित वर्ग के लोगों को अधिकार व न्याय मिल सके। इस अवसर पर कुमारी सैलजा ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी को भी याद करते हुए कहा कि जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने देश को चलाने वाला संविधान बनाकर दिया। लेकिन आज कुछ लोग उस संविधान पर हमला करते हैं। हमें आज ऐसी शक्तियों को पहचानने की आवश्यकता है तथा उनके खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता है। संविधान सभी को समान अधिकार देता है और उसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। कुमारी सैलजा ने कहा कि पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी ने बहुत ही कम समय मे मुख्यमंत्री रहते हुए जो काम करके दिखा दिया, जो इससे पहले के मुख्यमंत्री नहीं कर सके हैं। उन्होंने पंजाब के हर वर्ग को खुशहाल किया है और पंजाब में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी की सरकार भारी बहुमत से बनने जा रही है और फिर चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री होंगे। इस दौरान विधायक शमशेर सिंह गोगी, पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा, पूर्व मंत्री बिजेंद्र कादयान, पूर्व विधायक बंताराम बाल्मीकि, सरदार तरलोचन सिंह, डॉ नवजोत कश्यप, सुरेश गुप्ता, बिमला सरोहा, कंवरजीत सिंह प्रिंस, सुरेश यूनिसपुर, सुरेश गुप्ता, राजेंद्र कल्याण, राजबीर चौहान, कपिल खेत्रपाल, अरुण पंजाबी, मनीष प्रवेज राणा, राज किरण सहगल, राकेश नीमराणा (रॉकी), रोहित जोशी, कंवरदीप सैनी, प्रियंका हुड्डा, राजेश पुरखासिया, एडवोकेट राजेश चौधरी, पूनम सिंगल, रामशरण भोला, गोपाल कृष्ण सहोता, मुकेश चौधरी, एम आर ढींगला, तजेंद्र मक्कड़ आदि मौजूद रहे।

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