Wednesday, July 20, 2022

दिल्ली के व्यापारी 1 अक्तूबर से डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के केजरीवाल सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध करेंगे

योगराज शर्मा
दिल्ली के व्यापारी 1 अक्तूबर,2022 से 28 फरवरी, 2023 तक दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के दिल्ली सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। दिल्ली सरकार का यह निर्णय दिल्ली के व्यापार को ऐसे समय में बंद कर देगा जब दिल्ली में यह पाँच महीने त्योहार और शादी का सीज़न होने के कारण व्यापार के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं । दिल्ली सरकार के इस तुगलकी फरमान का दिल्ली के व्यापारी कड़ा विरोध करेंगे- कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल तथा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री विपिन आहूजा ने यह कहते हुए कहा की इससे इन पाँच महीनों में दिल्ली का व्यापार पूरी तरह चौपट हो जाएगा । इस गंभीर मुद्दे पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए कैट ने अगले सप्ताह दिल्ली के प्रमुख व्यापारिक संगठनों की एक मीटिंग 29 जून को बुलाई है । यह मुद्दा क्योंकि ट्रांसपोर्ट व्यापार को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा इसलिए कैट इस संबंध में ट्रांसपोर्ट संगठनों से चर्चा कर उनके साथ संयुक्त रूप से यह लड़ाई लड़ेगा । श्री खंडेलवाल एवं श्री आहूजा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना वास्तव में बेहद ज़रूरी है किंतु इसके साथ यह भी देखा जाना चाहिए की सरकार के किसी भी निर्णय से किसी भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े । उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पाँच महीने तक दिल्ली में कोई भी सामान नहीं आ पाएगा क्योंकि दिल्ली में सारा माल अन्य राज्यों से ट्रकों में आता है और ट्रक डीज़ल से चलते हैं । लम्बी दूरी होने के कारण कोई भी ट्रक इलेक्ट्रिक या सीएनजी से नहीं चल सकते ।इस दृष्टि से सरकार का यह निर्णय यह निर्णय बेमानी है और इसके परिणाम को सोचे समझे बिना लिया गया है । कैट इस मामले में शीघ्र ही दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना से मिलेगा और इस निर्णय को रोके जाने का आग्रह करेगा और यदि आवश्यकता पड़ी तो केंद्र सरकार के दख़ल दिए जाने का भी प्रयास करेगा । कैट के प्रदेश महामंत्री श्री देवराज बवेज़ा एवं आशीष ग्रोवर ने कहा की सरकार का यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के के व्यापारी विरोधी रवैये को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली देश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र है और दिल्ली सरकार का राजस्व काफी हद तक व्यापारिक गतिविधियों पर निर्भर है। अगर यह आदेश लागू होता है तो दिल्ली में दूसरे राज्यों से और दिल्ली से दूसरे राज्यों में माल की ढुलाई पर बड़ा रोड़ा बन जाएगा।सवाल यह है की इस निर्णय के लागू होने से क्या दिल्ली के व्यापारी दिल्ली से सटे अन्य राज्यों की सीमा में प्रवेश कर वहाँ पर माल लेंगे या देंगे क्योंकि डीज़ल वाले ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश निषेध होगा तथा यह किसी भी हालत में व्यावहारिक नहीं है । यदि ऐसा है भी तो इस पर जीएसटी कर के अंतर्गत व्यापारियों को अनावश्यक कर क़ानून की पेचीदगियों का सामना करना पड़ेगा और दिल्ली में माल महँगा हो जाएगा ।यदि यह निर्णय लागू होता है तो बेहतर यही होगा की दिल्ली का व्यापार अन्य राज्यों में स्थान्तरित हो जाए ।

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