NEW DELHI/ YOGRAJ SHARMA/ AAJ KI DELHI
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा खालसा स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुद्वारा मजनू का टीला में विशेष गुरमति समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक हुए।
इस दौरान समागम को संबोधित करते हुए कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि आज पूरे विश्व में सिख समुदाय 325वां स्थापना दिवस मना रहा है, खालसा पंथ विश्व में एकमात्र ऐसा समुदाय है जो अपना स्थापना दिवस मनाता है।
उन्होंने कहा कि हमारी सिख कौम का इतिहास वीरता और शहादतों से परिपूर्ण है । गुरु गोबिंद सिंह जी ने देश और धर्म की खातिर अपना समूचा परिवार कुर्बान कर दिया। इसके बाद बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सरहंद की ईंट से ईंट बजा दी। महाराजा रणजीत सिंह ने पहले खालसा साम्राज्य की स्थापना की जो काबुल-कंधार तक फैला हुआ था।
सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी ने हमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी से जुड़ने के लिए कहा इसलिए आज हमें युवा पीढ़ी को गुरबाणी सिमरन से जोड़ने की बेहद जरूरत है, सभी सिख परिवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे अमृतधारी हों व उनके घरों में गुरबाणी सिमरन होता हो। यह अच्छी बात है कि आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमृतपान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी अपने बच्चों को सिख समुदाय के अनूठे इतिहास से अवगत कराने के लिए लगातार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान बच्चों के लिए गुरमति शिविर आयोजित करने के लिए देश-विदेश से भी दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी से संपर्क किया जा रहा है, पिछले साल 14 हजार बच्चों ने गुरमति शिविर में हिस्सा लिया था, इस बार हमें उम्मीद है कि 25 हजार से ज्यादा बच्चे गुरमति कैंपों का हिस्सा बनेंगे।
वैसाखी पर करवाए गए इस समागम में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी, सदस्यों सहित बड़ी संख्या में संगत उपस्थित रही।
इस दौरान समागम को संबोधित करते हुए कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि आज पूरे विश्व में सिख समुदाय 325वां स्थापना दिवस मना रहा है, खालसा पंथ विश्व में एकमात्र ऐसा समुदाय है जो अपना स्थापना दिवस मनाता है।
उन्होंने कहा कि हमारी सिख कौम का इतिहास वीरता और शहादतों से परिपूर्ण है । गुरु गोबिंद सिंह जी ने देश और धर्म की खातिर अपना समूचा परिवार कुर्बान कर दिया। इसके बाद बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सरहंद की ईंट से ईंट बजा दी। महाराजा रणजीत सिंह ने पहले खालसा साम्राज्य की स्थापना की जो काबुल-कंधार तक फैला हुआ था।
सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी ने हमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी से जुड़ने के लिए कहा इसलिए आज हमें युवा पीढ़ी को गुरबाणी सिमरन से जोड़ने की बेहद जरूरत है, सभी सिख परिवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे अमृतधारी हों व उनके घरों में गुरबाणी सिमरन होता हो। यह अच्छी बात है कि आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमृतपान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी अपने बच्चों को सिख समुदाय के अनूठे इतिहास से अवगत कराने के लिए लगातार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान बच्चों के लिए गुरमति शिविर आयोजित करने के लिए देश-विदेश से भी दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी से संपर्क किया जा रहा है, पिछले साल 14 हजार बच्चों ने गुरमति शिविर में हिस्सा लिया था, इस बार हमें उम्मीद है कि 25 हजार से ज्यादा बच्चे गुरमति कैंपों का हिस्सा बनेंगे।
वैसाखी पर करवाए गए इस समागम में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी, सदस्यों सहित बड़ी संख्या में संगत उपस्थित रही।
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