Friday, May 31, 2024
ग्रीष्मावकाश के दौरान दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी देशभर में 1 से 21 जून तक बच्चों के लिए गुरमति कैंप आयोजित करेगी: हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों, जसप्रीत सिंह करमसर
NEW DELHI/ AAJ KI DELHI/ YOGRAAJ SHARMA दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के धर्म प्रचार विभागाध्यक्ष जसप्रीत सिंह करमसर के नेतृत्व में धर्म के प्रचार और प्रसार हेतु विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, इसी कड़ी में
1 से 21 जून तक दिल्ली व देश के विभिन्न हिस्सों सहित, दुनिया भर में गुरमति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों और जसप्रीत सिंह करमसर ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों से हम युवा पीढ़ी को गुरमत व मातृभाषा के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं । समिति की धर्म प्रचार विंग की ओर से गर्मी की छुट्टियों में गुरमति शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सिख धर्म की बुनियादी शिक्षा, गुरमति जीवन, गुरसिखी स्वरूप और गुरसिखी जीवन के बारे में जानकारी दी जाती है।
वर्ष 2022 में हमने पहली बार कैंप लगाया था, जिसके प्रति बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला।
उन्होंने बताया कि पिछले साल कैंप में 12 हजार बच्चों ने हिस्सा लिया था और इस बार ये कैंप 1 जून से 21 जून तक आयोजित किए जा रहे हैं, जिसका समापन समारोह 22 और 23 जून को भाई लक्खी शाह वणजारा हॉल गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में होगा।
उन्होंने बताया कि इस बार 125-150 शिविरों की स्वीकृतियां आई हैं। दिल्ली में 75-76 कैंप स्थापित किये जा रहे हैं। पानीपत में 22 सेंटर बनाये जा रहे हैं. इसी तरह आगरा, कानपुर, बरेली, रायपुर, लुधियाना, पटना, झारखंड समेत अलग-अलग जगहों पर ये कैंप लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम सिखी की बुनियादी शिक्षा पुस्तक प्रकाशित करके बच्चों को गुरसिखी जीवन, गुरु साहिबों और गुरुद्वारा साहिबानो के बारे में जानकारी देते हैं, हमने पिछले साल कैम्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 1000 स्वयंसेवकों के साथ भी बैठक की और वे सभी बहुत उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा कि हम हमेशा कहते हैं कि जो बच्चा घर में अपनी मातृभाषा नहीं बोलता, वह इन किताबों को नहीं पढ़ पाएगा इसलिए यह पहल सराहनीय है। इंद्रप्रीत सिंह मोंटी, जतिंदरपाल सिंह गोल्डी सहित जो टीम काम कर रही है, दिल्ली कमेटी प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं होने देगी ।
उन्होंने दिल्ली की संगत से बच्चों को इन शिविरों से जोड़ने की अपील की और ये शिविर सभी 46 वार्डों में लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 22 और 23 को समापन समारोह भाई लक्खी शाह वंजारा हॉल में होगा।
इस दौरान जसप्रीत सिंह करमसर ने कहा कि आज दुनिया विश्व शांति की बात करती है और विश्व शांति श्री गुरु ग्रंथ साहिब के कारण ही सम्भव है। आने वाले समय में पंजाबी भाषा अंग्रेजी से ज्यादा महत्वपूर्ण होगी लेकिन यह तभी संभव होगा जब हम अपनी मातृभाषा को महत्व देंगे। उन्होंने कहा कि जब तक हम मातृभाषा से नहीं जुड़ेंगे, हम चाहे कितनी भी भाषाएं सीख लें, मानसिक तनाव से छुटकारा नहीं पा सकेंगे। अपनी विरासत और अपनी विशिष्ट पहचान से जुड़ना बहुत जरूरी है।
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