Tuesday, June 25, 2024

बार-बार परीक्षा रद्द कर सरकार कर रही है परीक्षार्थियों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक उत्पीड़न: कुमारी सैलजा

 


कहा-एक गलती को छुपाने के लिए बार-बार गलती करने के बजाए परीक्षार्थियों के साथ न्याय करे सरकार


चंडीगढ़, 
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि बार-बार परीक्षाएं रद्द कर सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। सरकार परीक्षार्थियों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से उत्पीड़न कर रही है। सरकार अपनी गलती को छुपाने के बजाए गलती पर गलती कर रही है।  सरकार को परीक्षार्थियों के हक में कोई ठोस कदम उठाकर उनके साथ न्याय करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि न्याय की जंग में वे परीक्षार्थियों के साथ खड़ी हैं।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि  23 जून को नीट पी की परीक्षा आयोजित की जाने थी पर परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था नेशनल ब्यूरो ऑफ एग्जामिनेशन की ओर से 22 जून को इस परीक्षा को रद्द करने की सूचना जारी की गई जबकि परीक्षार्थी एक दिन पहले ही अपने अपने परीक्षा केंद्र वाले शहर में पहुंच गए थे। इससे पूर्व यूजीसी नेट परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था। एक के बाद एक परीक्षा के पेपर लीक हो रहे है और सरकार है कि हाथ पर हाथ रखे बैठी है, सांप निकलने के बाद लकीर पीटने से युवाओं का भला होने वाला नहीं है युवा देश के भविष्य है और सरकार देश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही। परीक्षार्थी पहले ही परीक्षा के रद्द होने को लेकर मानसिक तनाव में है ऊपर से फिर परीक्षा रद्द कर दी गई।

उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षार्थियों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से उत्पीड़न कर रही है जो किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को पता है कि उसकी अनदेखी के चलते युवा अपने भविष्य के लिए सड़कों पर उतर कर संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब सरकार पर चारों ओर से भारी दबाव बना तो एनटीए के खिलाफ 47 दिन बाद कार्रवाई करते हुए एनटीए के डीजी को हटा दिया गया। नीट यूजी में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 परीक्षार्थियों की छह सेंटर पर रविवार को दोबारा परीक्षा होनी थी, जब सरकार की ओर से तैयारी नहीं थी तो पुन: परीक्षा की तिथि क्यों घोषित की गई, पूरी तैयारी के बाद ही परीक्षा की तिथि तय की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अब परीक्षार्थियों को सरकार के बजाए अदालत पर भरोसा है, परीक्षार्थियों की ओर से कोर्ट में 46 याचिकाएं  दाखिल हो चुकी है।

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