Thursday, June 20, 2024

योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता


 उदयपुर, । भारत के ऋषि-मुनियों ने दुनिया को योग दिया। कालांतर में भारत अपने इस अचूक ज्ञान को भूल बैठा और इसे सिर्फ पुस्तकीय चर्चा का विषय बना लिया गया। जबकि, सत्यता यह है कि योग में असाध्य बीमारियों को जड़ से नष्ट करने की शक्ति है, यदि विशेषज्ञ योग प्रशिक्षक के सान्निध्य में योग किया जाए।

यह बात भारतीय संस्कृति अभ्युत्थान न्यास द्वारा विद्या निकेतन, सेक्टर 4 में  आयोजित तीन दिवसीय योग शिविर के उद्घाटन सत्र में योग शिक्षक श्रीवर्द्धन ने कही।

तीन दिवसीय योग शिविर के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि उदयपुर ज़िला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल ने दीप प्रज्वलित कर स्वयं भी पूर्ण योग सत्र में भाग लिया, इस अवसर पर पोसवाल ने योग का जीवन में महत्व बताते हुए कहा की योग से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता को बढ़ता है। वर्तमान की जीवन शैली में योग हमारी आवश्यकता है। योग के अभ्यास से व्यक्ति को अपने मन ,शरीर पर नियंत्रण करने का सहयोग मिलता है। योग का अर्थ है एकत्व अथार्त मन और शरीर का एकत्व। योग से मन एवं शरीर में सामंजस्य बैठाया जाता है जो की आज की वर्तमान स्थिति में आवश्यक है। 

सूक्ष्म यौगिक क्रियाओं का अभ्यास पुष्पदीप प्रजापत ने कराया। मंच पर योगासनों का प्रदर्शन भरत मेनारिया और मीनू राव ने किया। साथ ही प्रभात आमेटा, उमेश श्रीमाली, धरा गुप्त आदि अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहें।

न्यास के अध्यक्ष हेमेन्द्र श्रीमाली ने तीन दिवसीय योग शिविर की जानकारी देते हुए कहा कि इस शिविर में न केवल नियमित किए जाने योग्य योगासनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, अपितु विभिन्न बीमारियों में उपचार के लिए योग मुद्रा चिकित्सा, योग चिकित्सा भी की जाएगी। इसके अंतर्गत अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग योग व मुद्रा की जानकारी देकर घर पर नियमित अभ्यास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही सूक्ष्म योग व योग निद्रा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 न्यास सचिव पंकज पालीवाल ने बताया कि हृदय रोग, ब्लॉकेज, मधुमेह, माहवारी, थायराइड, अस्थमा, स्पोंडलाइटिस, स्लिप डिस्क आदि में भी योग व मुद्रा योग कारगर साबित हो रहे हैं। इन रोगों से पीड़ित कई लोगों ने योग से लाभ प्राप्त किया है और वे इसे कहते भी हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में तो ऑपरेशन की आवश्यकता भी समाप्त हुई है। उन्होंने तनाव और अवसाद में योग निद्रा को महत्वपूर्ण बताया।  

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