Saturday, July 20, 2024

मैं और मेरा से ऊपर उठकर एकजुटता से काम करेंगे तभी बीजेपी होगी सत्ता से बाहर: कुमारी सैलजा


 कहा विधानसभा में जीतने वाले व निष्ठावान नेता को ही मिलेगी टिकट, सभी को देना होगा साथ


देश की सीमा पर व देश के अंदर अशांति फैलाने वाली ताकतों से सख्ती से निपटे सरकार

हरियाणा में कानून व्यवस्था में सरकार हुई फेलियर साबित, लोग जी रहे भय के माहौल में
 
नरवाना, 18 जुलाई।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव उत्तराखण्ड प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि देश की सीमा पर और देश के अंदर भी कई राज्यों में शांति नहीं है, जिस पर सरकार को गंभीरता से निपटना चाहिए। क्योंकि यह गंभीर मामला है। देश को कमजोर करने के लिए कौन सी ऐसी ताकतें जो इस प्रकार कर रही हैं इस पर सरकार को सख्ती से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। आए दिन गोलीबारी से हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। सरकार को हालात समझने चाहिए। वारदातें क्यों हो रही हैं इस पर रोक लगाने के लिए सरकार की ड्यूटी बनती है। उन्होंने हाल ही में नरवाना के शहीद हुए कमांडो प्रदीप नैन की शहादत पर दुख जताते हुए परिवार के साथ सहानुभूति प्रकट की। उन्होंने कहा कि प्रदीप नैन ने बहादुरी दिखाते हुए देश के लिए शहादत दी है। कश्मीर में हालात ठीक नहीं है। कुमारी सैलजा ने सवाल उठाया कि सरकार क्या कर रही है।

नरवाना में पत्रकार वार्ता में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में दिन दहाड़े गोलियां चलाई जा रही हैं। मर्डर हो रहे हैं। लोगों को धमका कर रंगदारियां मांगी जा रही है। ऐसे में प्रदेश में भय का माहौल बना हुआ है। सरकार को ऐसी ताकतों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए। कुमारी सैलजा ने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में सरकार पूरी तरह से फेलियर साबित हुई है। लोग भयमुक्त होकर अपना कामकाज नहीं कर पा रहे। उन्होंने कहा कि सरकार की तमाम जनविरोधी नीतियों के चलते अब प्रदेश की जनता ने मन बना लिया है कि भाजपा को सत्ता से बाहर किया जाए। लोग कांग्रेस से उम्मीद लगाए हुए हैै। ऐसे में हमारे कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। लोगों के बीच जाकर बीजेपी की जनविरोधी नीतियों और कांग्रेस की नीतियों का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए उप चुनाव के नतीजों में बद्रीनाथ जैसी जगह से कांग्रेस की जीत का देश भर में संदेश गया है।

प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि यह तो पार्टी हाईकमान तय करेगा। हमें मैं और मेरा से ऊपर उठ कर पार्टी के लिए निष्ठा से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में सर्वे में जिनका नाम नहीं था उनको टिकट मिल गई। प्रदेश में विधानसभा चुनावों में ऐसा न हो इसके लिए पार्टी के सर्वे में जीतने वाले और निष्ठावान को ही टिकट दिया जाएगा। ऐसे में अगर कोई टिकट बांटता फिर रहा है तो वही जाने। अगर हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे तभी बात बनेगी अन्यथा दिक्कत आ सकती है। इसलिए हम सब का पहला काम यही होना चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा एमएलए कांग्रेस पार्टी के बनाएं। एक सीट से कई नेताओं का टिकट मांगना स्वाभाविक है पर पार्टी किसी को ही टिकट दे पाएगी ऐसे में बाकी सभी नेताओं को एकजुटता दिखाते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी को जिताना चाहिए तभी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता व नेता बन सकेंगे। जो पार्टी से ऊपर उठ कर बात करता है वह पार्टी का निष्ठावान नेता नहीं हो सकता। कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी या गठबंधन में सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है। लोग भी कांग्रेस से ही उम्मीद कर रहे हैं। राज्यसभा सीट के चुनाव संबंधी उन्होंने कहा कि इस बारे मैं कुछ नहीं कह सकती इस बारे पार्टी हाईकमान ही तय करेगा।  

फोटो: कुमारी सैलजा



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Press Note 2




किसानों को बीमा का इंतजार, नाकाम हुई भाजपा सरकार: कुमारी सैलजा

किसानों के लिए भाजपा के पास चुनावी वादों के सिवा कुछ भी नहीं

चंडीगढ़, 18 जुलाई।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि वर्ष 2016 में शुरू हुई फसल बीमा योजना के बावजूद 15 जिलों के किसान अभी भी बीमा के इंतजार में हैं। 31 लाख हेक्टेयर में फसल बर्बाद होने के बाद भी 8,348 करोड़ का क्लेम पेंडिंग है। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर नाकामी साबित हुई है। किसानों के लिए इसके पास चुनावी वादों के सिवा कुछ भी नहीं है। कांग्रेस सरकार के बनते ही किसान हितैषी नीतियों को परिपक्वता मिलेगी और एमएसपी का कानूनी हक दिया जाएगा।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में करीब आठ लाख किसान फसल बीमा करवाते है पर अभी तक सरकार सात जिलों के कलस्टर के लिए एक एजेंसी ही फाइनल कर पाई है। प्रदेश के शेष 15 जिलों का मामला हाई पॉवर परचेज कमेटी की बैठक में होना है बैठक कब होगी कोई पता नहीं है तब तक किसान टेंशन में ही रहेगा। किसान को एक ही बात का डर सता रहा है कि अगर इस बीच कोई बड़ी आपदा आई और फसले बरबाद हुई तो उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। सरकार की ओर से जो भी मुआवजा अगर मिला तो उससे तो फसलों की बिजाई का खर्च भी पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि फसल बीमा के लिए पंजीकरण 31 जुलाई तक  होता है

धान, बाजरा,  मक्का, कपास,  गेहूं, सरसों, चना, जौ, सूरजमुख और मूंग फसल बीमा में कवर होती है।
उन्होंने कहा कि सरकार फसल बीमा कंपनी के लिए दूसरी एजेंसियों पर निर्भर होती है जबकि सरकार को खुद की बीमा कंपनी बनानी चाहिए, ऐसा करने किसानों को ज्यादा लाभ होगा, एंजेसियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। सरकार को खुद ही बीमा करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब तक किसान सड़क पर नहीं उतरते, तब तक बीमा कंपनी और सरकार उन्हें मुआवजा नहीं देती। जब मुआवजे की बारी आती है तो बीमा कंपनी कोई न कोई कमी निकाल देती है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना सिर्फ बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने का एक माध्यम है। इस व्यवस्था से किसान कंगाल होता जा रहा है और कंपनियां मालामाल हो रही हैं।

बॉक्स

सीयूईटी के नतीजों की घोषणा में देरी ने छात्र और अभिभावक दोनों परेशान

कुमारी सैलजा ने कहा कि सीयूईटी के नतीजों की घोषणा में देरी ने छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। सरकार ने मई 2024 के मध्य में सीयूईटी परीक्षा आयोजित की थी और तब से छात्र बेसब्री से नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। मध्यम वर्गीय परिवारों की मुख्य चिंता छात्रों के लिए अपनी उच्च शिक्षा के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए उपलब्ध सीमित समय है। कई छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन परिणामों में देरी से उनका प्रवेश सुरक्षित करने की क्षमता बाधित हो रही है। नतीजतन, कई छात्र अनिच्छा से वैकल्पिक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जैसे कि निजी कॉलेज या स्थानीय विश्वविद्यालय जो सीयूईटी स्कोर स्वीकार नहीं करते हैं। यह स्थिति न केवल छात्रों की शैक्षणिक योजनाओं को प्रभावित कर रही है, बल्कि परिवारों के लिए भावनात्मक संकट भी पैदा कर रही है। 

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