Saturday, August 31, 2024

40 साल बाद न्याय की उम्मीद जागी: हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों


 दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने 1984 के सिख नरसंहार केस में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के अदालती फैसले का स्वागत किया


नई दिल्ली, 30 अगस्त: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा 1984 के सिख नरसंहार केस में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि आखिरकार 40 साल बाद सिख समुदाय को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
राउज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद अदालत के बाहर मीडिया से बात करते हुए प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका, महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों और मीत प्रधान आत्मा सिंह लुबाना ने कहा कि टाइटलर के खिलाफ धारा 143, 147, 153 ए, 188, 295, 436, 451, 380, 149, 302 और 109 आईपीसी के तहत आरोप तय करने का फैसला अदालत ने सुनाया है। उन्होंने कहा कि 40 साल बाद हमारी कौम की आवाज़ सुनी गई है क्योंकि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकारों ने बार-बार टाइटलर को क्लीन चिट दी थी, हालांकि उसके 1984 के सिख नरसंहार केसों में शामिल होने के पुख्ता सबूत थे।
उन्होंने कहा कि जब ये दोषी सत्ता में थे, तो उन्होंने तीन बार अपने आपको क्लीन चिट दिलवाई। उन्होंने कहा कि जब सत्ता बदली, तो सीबीआई ने बारीकी से केस की जांच की और अब उनके खिलाफ आरोप तय हो रहे हैं क्योंकि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने भी सीबीआई के साथ गंभीरता से सहयोग करते हुए यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने माननीय जज साहिब का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इतने पुराने केस में अब न्याय किया है।
उन्होंने कहा कि आज अदालत का फैसला एक केस में सामने आया है और भविष्य में 1984 के अन्य केसों में भी टाइटलर की संलिप्तता सामने आ जाएगी, और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि मानवता के खिलाफ इस घृणित अपराध के लिए दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
उन्होंने कहा कि अब वो दिन लद गए जब कांग्रेस के आदेश पर पुलिस और कानून लागू करने वाली अन्य एजेंसियां धरती पर इस सबसे घृणित नरसंहार के लिए टाइटलर और अन्य दोषियों को बार-बार क्लीन चिट देती थीं।
उन्होंने कहा कि 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद केंद्र सरकार ने उन सभी केसों की नए सिरे से जांच के आदेश दिए जो बंद कर दिए गए थे, और एक विशेष एसआईटी गठित की गई थी, और अब परिणाम लोगों के सामने हैं।
सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि पहले सज्जन कुमार को सलाखों के पीछे भेजा गया था और अब भी वह सलाखों के पीछे है, और हम कोशिश करेंगे कि टाइटलर भी जल्द से जल्द सलाखों के पीछे जाए। उन्होंने कहा कि 1984 के सिख नरसंहार के अन्य केसों की भी दिल्ली कमेटी गंभीरता से पैरवी कर रही है और हर केस में दोषियों को सजा दिलवाई जाएगी।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.