Friday, August 23, 2024

हाईवे ट्रैक्टरों की पार्किंग के लिए नहीं है', सुप्रीम कोर्ट ने दिया शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश, एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने जताया आभार


 एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की बहस सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट का आदेश- शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलें:एंबुलेंस, बुजुर्गों-महिलाओं और छात्रों को परेशानी हो रही 


 सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाईवेज पार्किंग एरिया नहीं, एडवोकेट शांडिल्य ने किया टिप्पणी का स्वागत 

 सुप्रीम कोर्ट में डालेंगे जनहित याचिका , कोई भी हाइवे जाम ना करें इसलिए बनाई जाए गाइडलाइन: एडवोकेट वासु शांडिल्य 

चंडीगढ़: शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य आज हरियाणा सरकार द्वारा हाइकोर्ट के आदेशों को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने की मांग की और इमरजेंसी वाहनों के लिए बॉर्डर खोलने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की । सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए एक हफ्ते के भीतर शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं हैं। हरियाणा सरकार हाइवे की एक लेन को एंबुलेंस, स्कूल बसें, एमरजेंसी सर्विसेज और आने जाने वाले स्थानीय लोगों के लिए खोल सकती है। इससे जनजीवन आसान होगा। सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी पंजाब एवं हरियाणा साथ ही अम्बाला और पटियाला जिले के पुलिस प्रमुख को एक सप्ताह में बैठक करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि हम मामले को लंबित रखते हैं। किसानों को भी नहीं लगना चाहिए कि उनको अलग-थलग और किनारे कर दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत के लिए गठित किए जाने वाले पैनल की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित किया जाएगा। एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने बताया कि मामले में।अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। पंजाब और हरियाणा की सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए निष्पक्ष कमेटी के सदस्यों के नाम सुप्रीम कोर्ट को दे दिए हैं। ये कमेटी सदस्य किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता का काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों की तरफ से सुझाए गए नामों पर संतुष्टि जताई है। हरियाणा की तरफ से जस्टिस नवाब सिंह, पूर्व डीजीपी बीएस संधू , देवेंद्र शर्मा, पूर्व आइएएस सुरजीत सिंह , किसान मसलों की समझ रखने वाले हरबंस सिंह के नाम सौंपे और पंजाब ने भी कई मुख्य नाम सौंपे । अब सुप्रीम कोर्ट हरियाणा पंजाब द्वारा दिए नामों के आधार पर कमेटी बनाएगी और किसानों के मसले को हल करवाने का कार्य करेगी । 

 हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं: सुप्रीम कोर्ट 

 पीठ ने कहा, हम शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने के लिए गठित की जाने वाली समिति की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे । आप लोग प्रदर्शनकारी किसानों को सड़क से ट्रैक्टर हटाने के लिए राजी करें । अदालत ने ये भी कहा कि हाईवे वाहन पार्किंग के लिए नहीं बनाए गए हैं । बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी । जिसमें राज्य सरकार को एक हफ्ते के अंदर अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर अवरोधक हटाने के लिए कहा गया था । प्रदर्शनकारी किसान यहां पर 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं ।

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