Friday, August 23, 2024

प्रेस विज्ञप्ति


 बजट में प्रमुख मांगों की अनदेखी से नाराज़ अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने दस सुत्रीय मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। फैसले के अनुसार राज्य कर्मचारियों ने 26 सितंबर को अखिल भारतीय मांग दिवस का आयोजन किया जाएगा। मांग दिवस पर सभी राज्यों में सरकारी विभागों एवं पीएसयू में विरोध सभाएं आयोजित कर प्रदर्शन किए जाएंगे। आंदोलन की अगली कड़ी में सभी राज्यों में राज्य, जिला व खंड/ ताल्लुक स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन किए जाएंगे। जिसमें कर्मियों को पुरानी पेंशन, आठवें पे कमीशन,18 महीने के बकाया डीए डीआर व ठेका संविदा कर्मियों की रेगुलराइजेशन , निजीकरण पर रोक आदि मांगों पर सरकार के रवैए से अवगत कराया जाएगा और कार्यकर्ताओं को आंदोलन तेज करने का आह्वान किया जाएगा।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय बजट से पूर्व महासंघ ने माननीय प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कर्मचारियों व पेंशनर्स की प्रमुख मांगों से अवगत कराते हुए बजट में उक्त मांगों को एड्रेस करने की मांग की थी। लेकिन राज्य कर्मियों की ओर से लिखे गए पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। जिससे नाराज राज्य कर्मियों ने पुनः आंदोलन का बिगुल बजाने पर मजबूर होना पड़ा है।

कर्मियों की प्रमुख मांगे निम्न हैं:-

1. पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल की जाए और राजस्थान, छत्तीसगढ़ व झारखंड राज्यों को उनका जमा अंशदान वापस किया जाए तथा ईपीएस 95 के पेंशनर्स को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल किया जाए।
2. सभी ठेका संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए और ठेका, आउटसोर्स, डेली वेजिज आधार पर की जा रही नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए। सभी विभागों व पीएसयू में रिक्त पदों को स्थाई भर्ती से भरा बेरोजगारों को स्थाई रोजगार दिया जाए।
3. सभी सरकारी विभागों व पीएसयू के निजीकरण व निगमीकरण पर रोक लगाई जाए।
4. सभी राज्यों में दस की बजाय पांच साल में पे रिवीजन किया जाए। कर्मियों एवं पेंशनर्स के 18 महीने के फ्रिज किए डीए / डीआर को रिलीज किया जाए।
5. सरकारी स्पोर्ट द्वारा एक समग्र हेल्थ स्कीम लागू की जाए। सभी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स तथा ठेका कर्मियों को केशलेस इलाज सुनिश्चित किया जाए।
6.नेशनल ऐजुकेशन पालिसी को वापस लिया जाए।
7. संविधान के अनुच्छेद 310,311(2) ए,बी व सी को रद्द करो। तीन अपराधिक कानूनों को वापस लिया जाए। जम्मू-कश्मीर में धरने प्रदर्शन व हड़ताल पर लगाई रोक के पत्र को वापस लिया जाए।
8) संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता की रक्षा की जाए और सभी प्रकार की सांप्रदायिकता पर कड़ाई से रोक लगाई जाए।
9) केंद्र-राज्य संबंधों को फिर से परिभाषित किया जाए और सहकारी संघीय ढांचे की रक्षा की जाए।
10. आयकर छूट सीमा बढ़ाकर दस लाख किया जाए।

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